जबलपुर, देशबन्धु. पमरे अंतर्गत सतना से इटारसी के बीच इन दिनों अवैध वेंडरों का मामला गर्माया है. इसकी वजह जानबूझकर जवाबदार सुरक्षा एजेंसी के कुछ अधिकारियों और जवानों द्वारा अवैध वेंडर प्रकरण में कानूनी कार्रवाई में लंबी और गैर जरूरी प्रक्रिया को अपनाना है. टिकट निरीक्षक या अन्य संबंधित रेलवे अधिकारी अवैध वेंडरों को पकड़ते हैं, लेकिन कड़ी कार्रवाई की जगह लीपा पोती कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है. अवैध वेंडरों पर प्रभावी रूप से लगाम नहीं पा रही है. आरपीएफ की कमाई का जरिया बन गये हैं.
गौरतलब है कि सतना, कटनी, मैहर, जबलपुर, नरसिंहपुर, गाडरवारा, पिपरिया आदि इस रूट के प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं. यहां हर रोज बड़ी संख्या में यात्री यहां से वहां ट्रेन के माध्यम से अपनी यात्रा करते हैं. अस्सी फीसदी कोच में खाने-पीने की सामग्री अवैध वेंडरों के माध्यम से बेंची जा रही है. इस दौरान कई बार इनके कारण गंभीर वारदात भी होती हैं.
पांच सौ से अधिक अवैध वेंडर- सूत्रों अनुसार सतना से इटारसी के बीच करीब पांच सौ से ज्यादा अवैध वेंडर ट्रेन और रेलवे स्टेशनों में सक्रिय रहते हैं. हर पांच से दस मिनट में वेंडर आपको सामान बेंचते दिख जाएंगे. इनमें चाय-नाश्ता, गुटखा, सिगरेट आदि की बिक्री की जाती है.
न वर्दी और न ही नाम का बेच- ऐसे वेंडर जो न तो वर्दी और न ही अपने नाम के बेंच लगाये दिख जाएंगे, वे अवैध वेंडर माने जा सकते हैं. बमुश्किल दस से बीस प्रतिशत वेंडर नियमानुसार रेलवे परिसर में काम करते देखे जा सकते हैं.
आरपीएफ की कृपा बरस रही- यहां यह बात ध्यान देने वाली है अवैध वेंडरों पर कानूनी शिकंजा कसने की प्रमुख जवाबदारी आरपीएफ पर है. लेकिन अभी देखने में मिल रहा है जब भी अवैध वेंडर पकड़े जाते हैं, तब उनके खिलाफ कार्रवाई करने का तीन पन्ना का मेमो रहता है.
हर माह लाखों की अवैध कमाई
सूत्रों ने दावा किया है कि हर माह अवैध वेंडरों से रेलवे की सुरक्षा वाले दस्ते को लाखों की कमाई हो रही है. इसलिये अवैध वेंडरों की अनदेखी की जाती है. बताया गया है कि पिछले दिनों जबलपुर से गये एक रेलवे अधिकारी ने जैसे ही अवैध वेंडरों का पीछा किया वे कटनी एंड में आसानी से एक प्लेट फार्म से दूसरे, तीसरे और अन्य प्लेटफार्म से कूंदते फांदते भागने में सफल हो गये. चौकाने वाली बात है कि जहां आरपीएफ की पोस्ट थी, वहीं से अवैध वेंडर भाग निकले और वहां मौजूद जवानों ने इन्हें पकड़ने की जरूरत नहीं समझी.
पकड़े गए अवैध वेंडरों को रखने की जगह की कमी बताकर तो कभी दूसरे बहाने बनाकर इन पर कृपा बरसाने का काम फिलहाल जारी है. सूत्रों के अनुसार अवैध वेंडर में ज्यादातर खतरनाक प्रवृत्ति के हैं. कई तो अपने पास घातक हथियार तक लेकर चलते हैं. लूट और चोरी एवं अन्य गंभीर वारदातों में अवैध वेंडरों की लिप्तता कोई नई बात नहीं है जो कई बार रेल पुलिस की जांच के दौरान सामने आया है.