जबलपुर, देशबन्धु. पमरे के उच्च अधिकारियों की अनदेखी और मनमानी का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. जोन मुख्यालय जबलपुर से संरक्षा और सुरक्षा के लिए बड़े बड़े अधिकारी आये दिन सेमीनार का आयोजन करके बहुत ही ज्ञान संबंधी बातों के लिए प्रवचन देते रहते हैं जबकि सबसे ज्यादा लापरवाही और शोषण जोन कार्यालय में निजी रेलवे ठेकेदारों के द्वारा उनके कर्मचारियों के साथ ही आए दिन होता रहता है इसकी एक बानगी कुछ इस प्रकार देखी जा सकती है.
जानकारी के अनुसार यांत्रिकी विभाग विद्युत विभाग वाणिज्य विभाग भंडार इंजीनियरिंग कार्मिक विभाग सतर्कता विभाग के अलावा रेलवे सुरक्षा बल आई जी कार्यालय व महाप्रबंधक कार्यालयों आदि में साफ सफाई का ठेका निजी ठेकेदारों को दिया गया है.
जब भी निविदाएं आमंत्रित की जाती है और जो भी ठेकेदार अपनी निविदाएं महाप्रबंधक कार्यालयों के पास प्रस्तुत करते हैं, और निविदा प्रस्तुत होने के बाद पत्रक बनाने के बाद जिस भी निजी ठेकेदार को कार्य किये जाने का आदेश जारी.
गैलेक्सी हॉस्पिटल में पांच मौतों का सौदा 25 लाख!
किया जाता है उसमें सभी प्रकार की शर्तों का उल्लेख किया जाता है परंतु इन शर्तों को पालन कराये जाने के लिए किसी भी प्रकार की फुर्सत किसी भी विभाग के अधिकारी को नहीं मिलती है इस प्रकार की लापरवाही का खामयाना जहाँ एक ओर ठेकेदार के कर्मियों को भुगतना पड़ता है वहीं अधिकारी और कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उल्लेखित विभागों में जो भी शौचालय बने हैं जिनका उपयोग कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन किया जाता है उसकी साफ सफाई करने वाले सफाई कर्मियों के पास सुरक्षा की दृष्टि से न तो दास्ताने रहते हैं, और न ही मुंह में मास्क रहता है इन कर्मचारियों को एसिड के माध्यम से भी सभी प्रकार की सफाई ठीक ढंग से हो यह काम भी इन कर्मचारियों की जिम्मेदारी रहती है.
यह कर्मचारी बखूबी करते भी हैं परंंतु दस्ताने और मास्क न पहनने के कारण यह चाहते हुए भी आधी अधूरी सफाई करने को मजबूर रहते हैं इसके कारण शौचालय में गंदगी भी देखी जा सकती है जब इन शौचालय का उपयोग अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किया जाता है तो आधी अधूरी सफाई अव्यवस्था का दुष्परिणाम कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ता है और कई कर्मचारी बीमार तक हो जाते हैं. पमरे के कुछ शौचालयों में कुछ विशेषज्ञों द्वारा दरवाजों पर अजीब प्रकार की तख्ती भी दरवाजों पर लगवा रखी है.
पुरूष अधिकारी महिला अधिकारी कर्मचारियों के लिए इन विशेषज्ञों की तो प्रशंसा करनी होगी कि इस प्रकार की तख्ती लगवा दी गई है सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन सभी शौचालयों की साफ सफाई करने वाले तो पुरूष कर्मचारी ही रहते हैं शौचालयों में इस प्रकार के वर्गीकरण किये जाने का क्या औचित्य है यह सभी की समझ के परे बताया जा रहा है.
माननीय हाईकोर्ट में वर्षांे से प्रेक्टिस करने वाले एक अधिवक्ता द्वारा महाप्रबंधक कार्यालय की केन्टीन में चर्चा की थी कि शौचालय में इस प्रकार की तख्ती किस अधिकार के तहत लगायी गई है. यहां इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि देश की 7वीं सबसे सुंदर बनायी गई बिजली विभाग के मुख्यालय शक्तिभवन में भी प्रत्येक शौचालय में केवल पुरूष एवं महिला की ही तख्ती लगाई गई है तो रेलवे में इस तरह के वर्गीकरण किये जाने का क्या औचित्य है यह सभी की समझ के परे बताया जा रहा है. पमरे की शीर्ष प्रबंधन द्वारा इस प्रकार की अव्यवस्था पर रोक लगाकर विभाग की छवि को धूमिल होने से बचाएंगे इसी की सभी को उम्मीद है.