जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशौती गांव में 14 अगस्त को दोपहर में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं. बचाव कार्य लगातार तीसरे दिन भी जारी है.
अधिकारियों के अनुसार, करीब 75 लोग अभी भी लापता हैं, हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि सैकड़ों लोग मलबे में दबे हो सकते हैं या बाढ़ में बह गए होंगे.
घटना का विवरण:
मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित चिशौती गांव में अचानक आई बाढ़ और मलबे की चपेट में एक अस्थायी बाजार, सामुदायिक लंगर, सुरक्षा चौकी और कई बस्तियां आ गईं. इस आपदा में 16 घर, कई सरकारी इमारतें, तीन मंदिर और एक पुल सहित कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
बचाव कार्य:
पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ और नागरिक प्रशासन की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर बचाव कार्यों की समीक्षा की है. अब तक 46 शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है.