झारखंड हाईकोर्ट के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. राजधानी रांची स्थित राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. इसके साथ ही वे झारखंड हाईकोर्ट के 17वें चीफ जस्टिस बन गए.
समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव अलका तिवारी, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, राज्य सरकार के मंत्री, महाधिवक्ता राजीव रंजन और जस्टिस चौहान के परिजन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जारी नियुक्ति पत्र को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़कर सुनाया गया.
हिमाचल से झारखंड तक का न्यायिक सफर
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान का जन्म 9 जनवरी 1964 को हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू में हुआ था. उन्होंने शिमला के प्रतिष्ठित बिशप कॉटन स्कूल से स्कूली शिक्षा और पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की. 1989 में हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में नामांकन के बाद वे विभिन्न विधायी क्षेत्रों में सक्रिय रहे और 2014 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने.
वे पर्यावरण कानून, बाल अधिकार, और न्यायिक सुधारों में गहरी रुचि रखते हैं. जस्टिस चौहान किशोर न्याय समिति, विधिक सेवा प्राधिकरण और ई-कोर्ट समिति जैसे महत्वपूर्ण न्यायिक निकायों का नेतृत्व कर चुके हैं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में डिजिटल न्याय प्रणाली के कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं.
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अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय न्यायपालिका की आवाज
जस्टिस चौहान ने देश-विदेश में कई न्यायिक सम्मेलनों में भारतीय न्यायपालिका का प्रतिनिधित्व किया है. उनकी अगुवाई में हिमाचल प्रदेश न्यायपालिका ने ई-फाइलिंग, ऑनलाइन केस मैनेजमेंट और डिजिटल कोर्ट कार्यप्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया.
पूर्व चीफ जस्टिस का हुआ तबादला
इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे एम.एस. रामचंद्र राव का तबादला त्रिपुरा हाईकोर्ट कर दिया गया है. उन्होंने 25 सितंबर 2024 को झारखंड में पदभार संभाला था और उनके कार्यकाल के दौरान कई अहम जनहित और संवैधानिक मामलों की सुनवाई हुई.
जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की नियुक्ति की अधिसूचना भारत के राष्ट्रपति कार्यालय से 15 जुलाई 2025 को जारी की गई थी. उनके कार्यकाल से राज्य की न्याय व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और न्याय सुलभता की उम्मीद की जा रही है.