केंद्र सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जस्टिस यशवंत वर्मा पर FIR न दर्ज होने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि FIR दर्ज करने के लिए आवश्यक साक्ष्य और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है.
अमित शाह ने कहा, “हम कानून के शासन में विश्वास रखते हैं. FIR तब ही दर्ज की जाएगी जब जांच में पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होंगे और दोष स्थापित किया जा सकेगा.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया धीमी इसलिए हो रही है क्योंकि सभी कारकों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण किया जा रहा है.
जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से कैश बरामदगी केस में केंद्र सरकार की तरफ से पहली बार बयान सामने आया है. जस्टिस यशवंत वर्मा पर अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई, उसका असल कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताा दिया है. जी हां, अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि इस मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अनुमति के बिना कोई FIR दर्ज नहीं की जा सकती.
दरअसल, टाइम्स नाउ समिट 2025 में अमित शाह ने जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि CJI यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया अनुमति के बाद ही FIR दर्ज की जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि जजों का एक पैनल मामले को देख रहा है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.
जस्टिस वर्मा के आवास से नकदी बरामदगी के मामले पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि CJI संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बताई गई प्रक्रिया के तहत मामले का संज्ञान लिया और जांच के लिए जजों की एक समिति का गठन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और दमकल विभाग समिति द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज मुहैया करा रहे हैं. वे जांच में सहयोग कर रहे हैं. जजों की समिति मामले में फैसला लेगी और अपने फैसले को सार्वजनिक करेगी. हमें समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.