रीवा देशबन्धु. बीते दिन मऊगंज के गिड़रा गांव निवासी राहित उर्फ शनि द्विवेदी पुत्र रजनीश द्विवेदी 32 वर्ष को आदिवासी बस्ती में रहने वाले ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। दोपहर करीब दो बजे इसकी जानकारी शनि के परिजनों को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। लेकिन परिजनों से मारपीट कर उन्हें खदेड़ दिया गया। इसके बाद जानकारी शाहपुर थाना में दी गई। पुलिस ने मामूली विवाद समझ कर मौके पर डॉयल 100 वाहन को भेज दिया, लेकिन वहां मौजूद आदिवासी मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाने पर अड़े रहे। लिहाजा शाम करीब 4 बजे शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन उनसे भी बात नहीं सम्हली।
लिहाजा मौके पर एसडीओपी अंकिता शूल्या व हनुमना तहसीलदार केएल पनिका को आना पड़ा। अधिकरियों के आने के बाद अपहृत युवक को छुड़ाने के लिये दरवाजा खुलवाया गया, जहां युवक मृत पाया गया। उसके शरीर पर चोट के गंभीर निशान थे। लिहाजा पुलिस ने बंधक बनाने वाले आदिवासी परिवार के पांच लोगों को पकड़ कर थाना ले जाने लगी, तभी गांव के अन्य आदिवासियों ने शाम करीब 7 बजे पत्थर व लाठी-डंडा से हमला कर दिया। जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया।

ये हुये हमले का शिकार
आदिवासियों के हमले के बीच 25वीं वटालियन में पदस्थ एएसआई रामचरण गौतम, हनुमना तहसीलदार केएल पनिका, थाना प्रभारी संदीप भारती, एसआई जवाहर सिंह यादव, आरक्षक अंकित शुक्ला समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी फंस गये। इन सभी पर हमलावर टूट पड़े। लाठी-डंडे से इस कदर पीटा गया कि एएसआई रामचरण गौतम शहीद हो गये। वहींं तहसीलदार व थाना प्रभारी समेत अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
एसडीओपी व महिला एसआई खुद को कमरे में किया बंद
हमला के दौरान मौके पर मऊगंज एसडीओपी अंकिता शूल्या व महिला एसआई आरती सिंह मौके पर मौजूद थी। ग्रामीणों की भीड़ देख वे भी दशहत से घिर गई थीं। लेकिन समय रहते उन्होंने गांव में ही स्थित एक घर में खुद को कैद कर लिया। जिससे उनकी जान बच पाई। इसके बाद दूरभाष के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिये। करीब डेढ़ घंटे बाद दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
यह है विवाद की जड़………
जानकारी के अनुसार करीब 6 माह पूर्व गड़रा गांव के निवासी अशोक कोल की करीब पांच माह पूर्व सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद अशोक के परिजनों ने शनि द्विवेदी समेत उसके परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया था। लेकिन तत्कालीन थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर की जांच में आरोप निराधार पाये गये थे। तब से ही आदिवासी व द्विवेदी परिवार के बीच रंजिश चल रही थी। बताया गया है कि यही कारण है कि शनिवार की दोपहर शनि गांव में घूम रहा था, तभी मृतक अशोक कोल के परिजनों ने उसे अपने घर के भीतर बंधक बना लिया था। इसके बाद उसकी बेदम पिटाई किये, जिसमें शनि की मौत हो गई।
सात माह बाद होने वाले थे एएसआई रामचरण
मृतक एएसआई रामचरण गौतम 25वीं बटालियन, भोपाल में तैनात थे। वे सतना जिले के कोठी थाना क्षेत्र के पवैया गांव के निवासी थे। हाल ही में उन्हें एएसआई पद पर प्रमोशन मिला था और वे अक्टूबर 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनके पार्थिव शरीर को गॉड ऑफ ऑनर देकर उनके गृह ग्राम भेज दिया गया है।