नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम लोगों को होम लोन बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 50 आधार अंकों (बेसिस पॉइंट) की कटौती का ऐलान किया है. अब रेपो रेट 6% से घटकर 5.50% हो गया है. यह निर्णय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा घोषित किया गया.
यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने नीतिगत दरों में कटौती की है. इससे पहले फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में क्रमशः 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी. इस साल अब तक कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती हो चुकी है.
क्या होगा इसका असर?
होम लोन और अन्य कर्ज होंगे सस्ते:
रेपो रेट घटने से बैंकों की फंडिंग लागत कम होगी, जिससे वे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन जैसी सुविधाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध करा सकेंगे.
EMI में आएगी कमी:
मौजूदा और नए कर्जधारकों की मासिक किस्त (EMI) में राहत मिलेगी.
आवास और वाहन क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा:
ब्याज दरों में कटौती से घर और गाड़ी खरीदना अधिक किफायती होगा, जिससे इन सेक्टरों में मांग बढ़ सकती है.
अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल:
रेपो रेट में कटौती से बाजार में नकदी बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को गति मिल सकती है.
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि रेपो रेट में यह बड़ी कटौती बाजार की अपेक्षा से अधिक है और इससे देश की आर्थिक वृद्धि को बल मिल सकता है.
क्या है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है. इसकी दर कम होने से बैंकों को सस्ते में पैसा मिलता है और वे आम जनता को सस्ते कर्ज दे पाते हैं.