कोलकाता. कोलकाता के कस्बा इलाके में एक लॉ छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई की गई है. मामले में लॉ कॉलेज के दो वर्तमान छात्रों और एक पूर्व छात्र सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा और मामले में तत्काल और समयबद्ध जांच के निर्देश दिए है.
साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज के अंदर एक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों को कोर्ट ने 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक कॉलेज कैंपस में 25 जून की रात छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी. तीनों आरोपी में से एक कॉलेज का पूर्व छात्र है जबकि दो मौजूदा छात्र हैं.
पुलिस ने बताया कि दो छात्रों को गुरुवार शाम को तालबगान इलाके से हिरासत में लिया गया. इसके बाद उन छात्रों से मिली जानकारी के आधार पर मुख्य आरोपी के रूप में पहचाने गए पूर्व छात्र को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने कहा कि इस मामले में पूछताछ और जांच जारी है.
1 जुलाई तक आरोपियों को पुलिस हिरासत
कोलकाता लॉ कॉलेज में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को पुलिस ने अलीपुर कोर्ट में पेश किया, जहां 14 दिन की हिरासत मांगी गई थी. हालांकि, अदालत ने उन्हें अगले मंगलवार (1 जुलाई) तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.
आरोपी मनोजीत मिश्रा के वकील आजम खान ने कहा “पीड़िता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है. लेकिन पीड़िता के साथ आरोपी की कई दिन से जान पहचान थी.
लड़की भी राजनीति में सक्रिय थी. आपस में कुछ विवाद हुआ है. जिसके बाद लड़की ने दुष्कर्म की शिकायत कर दी है. अदालत ने मंगलवार 1 जुलाई तक आरोपी को पुलिस हिरासत दी है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोलकाता पुलिस प्रमुख को जांच का दिया निर्देश
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोलकाता दुष्कर्म की घटना को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा और मामले में तत्काल व समयबद्ध जांच के निर्देश दिए.
संस्था ने दक्षिण कोलकाता की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है. एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा ‘‘आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर घटना पर चिंता जताई और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के संबंधित प्रावधानों के तहत त्वरित और समयबद्ध जांच के निर्देश दिए हैं.’’
बयान में कहा गया है कि आयोग की अध्यक्ष ने पीड़िता को पूर्ण चिकित्सकीय, मानसिक और कानूनी सहायता देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 396 के तहत उसे मुआवजा दिए जाने की बात कही है.
कॉलेज परिसर में ही वारदात को दिया गया अंजाम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना कॉलेज परिसर के अंदर ही हुई. पीड़िता का प्रारंभिक मेडिकल परीक्षण किया गया है और कई गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
घटनास्थल को सुरक्षित कर लिया गया है और अब फॉरेंसिक जांच की जा रही है. पीड़ित छात्रा ने कसबा थाना में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर तीनों आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया.
आपातकाल लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला
बंगाल में छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं- बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि कोलकाता घटना को लेकर इतना तो साफ है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं.
मजूमदार ने कहा कि यह घटना पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद हुई है.
आरजी कर अस्पताल की घटना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए थे. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री मजूमदार ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पुलिस (गृह) विभाग का काम संभालने के बावजूद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद ‘खराब’ है.