सतना, देशबन्धु। सतना के मझगवां वन क्षेत्र में मंगलवार को एक नर तेंदुए का शव मिला। बदरचुई हार जंगल के पहाड़ी इलाके में गश्ती दल को यह शव दोपहर के समय दिखाई दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। डॉग स्क्वॉड की मदद से 6-7 घंटे तक चली जांच में मौत के कारण का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है।
चित्रकूट के एसडीओ अभिषेक तिवारी ने बताया कि डीएफओ मयंक चांदीवाल के नेतृत्व में की गई जांच में तेंदुए के शरीर पर कई गहरे घाव पाए गए। शव के पास ही करीब 5-6 मीटर की दूरी पर एक सलई के पेड़ पर वन्य जीव के नाखूनों के गहरे निशान मिले हैं। ये निशान पेड़ पर ऊपर से नीचे तक कई जगह बने हुए हैं।
प्रारंभिक जांच में किसी अन्य हिंसक वन्य जीव के साथ संघर्ष में तेंदुए की मौत होने की आशंका जताई गई है।घटनास्थल एक घना जंगल है, जहां न तो कोई जल स्रोत है और न ही बिजली की लाइनें गुजरती हैं। तेंदुए की मौत के सटीक कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा।
झुकेही में हुआ पोस्टमॉर्टम
एसडीओ ने बताया कि मुकुंदपुर जू सेंटर के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता के बांधवगढ़ में होने एवं आसपास अन्य वन्यप्राणी चिकित्सक की अनुपलब्धता के कारण डॉ. नितिन गुप्ता को बांधवगढ़ से बुलाया गया। समय अधिक हो जाने के कारण, शेड्यूल-1 में सूचीबद्ध मृत नर तेंदुए का शव परीक्षण झुकेही में वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता द्वारा किया गया।
वनमंडल अधिकारी की उपस्थिति में मौके पर ही शव का दाह-संस्कार किया गया। मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। तेंदुए के विसरा (आंतरिक अंग) के नमूने को संरक्षित कर सागर और जबलपुर भेजा जा रहा है।