बालाघाट, देशबन्धु. जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक प्रगति के लिए महिलाओं के साथ छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर आजीविका को गति प्रदान की जाएगी। इसके लिए प्रयास प्रारम्भ हो गए है। कलेक्टर मृणाल मीना ने शुक्रवार को ग्रामीण विकास विभाग की बैठक में मप्र आजीविका मिशन के तहत योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की जरूरत बताते हुए जल्द ही इस प्लानिंग को मूर्त रूप देने के निर्देश एसआरएलएम परियोजना अधिकारी श्वेता सिंह को दिए है।
साथ ही इस कार्य को प्राथमिकता और फोकस होकर किया जा सकें, इसके लिए परियोजना अधिकारी को सप्ताह में 3 दिन नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहकर करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने विभाग के अन्य महत्वपूर्ण कार्य जैसे-जल गंगा संवर्धन अभियान, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना,स्वच्छ मिशन, पीएम पोषण शक्ति आदि कार्यो की समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक सराफ, सहायक कलेक्टर श्री आकाश अग्रवाल,आरईएस कार्यपालन यंत्री श्री मनोज धुर्वे, बालाघाट जनपद सीईओ श्रीमती ममता कुलस्ते, सभी परियोजना अधिकारी व जनपदों का अमला गूगल मीट से जुड़ा।
बैहर-बिरसा और परसवाड़ा में महिलाओं की आर्थिक मजबूती पर प्रशासन बढ़ेगा
कलेक्टर मीना ने स्पष्ठ कहा कि इन क्षेत्रों में महिलाओं को जोड़कर आर्थिक मजबूती कर सकते है। इन क्षेत्रों में समूहों का डेटा निकालें। यहां प्राकृतिक रूप से कोदो कुटकी की अपार संभावनाएं है। सिर्फ उन्हें जोड़ने के साथ ही मार्केटिंग टिप्स और छोटी-छोटी प्रोसेसिंग यूनिट से जागरूकता ला सकते है।
यहां कोदो कुटकी का बाजार भी अच्छा है। वहीं कई स्थानों पर कोदो की अच्छी मांग भी है। इसकी पूर्ति स्थानीय महिलाओं से ही कि जा सकती है। इसके लिए अच्छा स्टॉप भी चुनो जो बेहतर रचनात्मक रूप से काम कर सकें। कलेक्टर श्री मीना ने इसके लिए जिला पंचायत को फ्री हैंड किया है। प्लान के साथ काम करने की शुरुआत करने को कहा है।