जबलपुर. महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है. लोकायुक्त पुलिस ने छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव में पदस्थ परियोजना अधिकारी और उसके दो साथियों को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से रिश्वत की रकम बरामद कर ली है.
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले के अनुसार यह कार्रवाई महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय, जुन्नारदेव में की गई. पीड़िता पूजा उइके ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि ग्राम उमरघोड़ में आंगनबाड़ी सहायिका पद पर चयन के बाद उसे जॉइनिंग लेटर देने के लिए परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजरों द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है.
शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त टीम ने मामले का सत्यापन किया और सोमवार को छापामार कार्रवाई करते हुए सुपरवाइजर आरती आम्रवंशी को 20,000 रुपये की पहली किस्त लेते हुए ट्रैप किया. जांच में यह सामने आया है कि परियोजना अधिकारी सीमा पटेल, महिला सुपरवाइजर आरती आम्रवंशी, लक्ष्मी पंडोले और बिंदू माहौर ने मिलकर पूजा उइके से कुल 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी.
ट्रैप दल में निरीक्षक उमा कुशवाहा (दल प्रभारी), निरीक्षक शशि मुस्कुले और निरीक्षक जितेंद्र यादव शामिल थे. लोकायुक्त पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.