जबलपुर,देशबन्धु.कृषि उपज मंडी समिति जबलपुर एवं उसके अंतर्गत आने वाली अन्य मंडियों हुए करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेष कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने लोकायुक्त को 6 माह में जांच करने के निर्देष दिये है।
याचिकाकर्ता मुकेश कुमार राय एवं प्रकाश सितपाल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का गबन किया गया। उप निदेशक (कृषि विपणन बोर्ड), जबलपुर, आनंद मोहन शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग किया। किसानों के लिए आवंटित समूह प्रतिभूति निधि से 1.94 करोड की धनराशि निकालकर व्यक्तिगत लाभ के लिए खर्च की गयी है। फर्नीचर, एलईडी, कूलर, प्यूरीफायर आदि की फर्जी खरीद दिखाकर 42 लाख रूपये की धनराशि का गबन किया गया है। कृषि विपणन बोर्ड के कई उच्च अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है। जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की राहत चाही गयी थी।
युगलपीठ ने अपने आदेष में कहा है कि लोकायुक्त याचिका को षिकायत के रूप में स्वीकार करते हुए छह माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। याचिकाकर्ता लोकायुक्त की जांच से असंतुष्ट रहते हैं, तो वे आगे किसी भी उपयुक्त न्यायिक मंच पर अपील कर सकते हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अधिवक्ता हितेन्द्र कुमार गोहलानी ने पैरवी की।