जबलपुर, देशबन्धु. प्रदेश भर में 1 मार्च से एक साथ समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीदी हो रही हैं. इस बार प्रदेश में करीब 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है. गेहूं खरीदी की शुरुआत इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम संभाग से होगी इसके बाद जबलपुर एवं अन्य संभागों में खरीदी प्रारंभ होगी. बताया जा रहा हैं कि इस साल सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जो पिछले साल से 150 रुपए ज्यादा है.
सरकार ने इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान हैं. शहर के किसानों का आरोप हैं कि प्रदेश के अन्य जिलों में तो तैयारियां पूर्णता की ओर हैं लेकिन जबलपुर जिले में पूर्व की तरह में इस बार भी तैयारियां नहीं हो पाई हैं जिससे लग रहा हैं कि फिर से किसानों को अव्यवस्थाओं के बीच गेहूं बेचना पड़ेगा.
17 मार्च से हो सकती है जिले में खरीदी- बताया जा रहा हैं कि केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य 2,425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, वहीं प्रदेश सरकार 2,600 रुपए के हिसाब से किसानों को भुगतान करेगी. इस बार, खरीदी की प्रक्रिया 1 मार्च से इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में शुरू होगी. इन संभागों में 18 अप्रैल 2025 तक गेहूं की खरीदी की जाएगी.
वहीं शेष संभागों में 17 मार्च से 5 मई 2025 तक गेहूं खरीदी की प्रक्रिया चलेगी. जिले के किसानों ने अनुमान लगाया कि जिले में भी 17 मार्च से खरीदी प्रारंभ हो सकती हैं. समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए अभी तक लगभग तीन लाख किसान रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
निर्देशों की नहीं परवाह- रबी विपणन वर्ष 2025-26 के गेहूं उपार्जन की अवधि के दौरान उपार्जन केंद्रों पर किसानों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए इस संबंध में निर्देंश तमाम अधीनस्थों को जारी कर दिए गए हैं लेकिन जिले में केंद्रों की व्यवस्थाओं पर किसी का ध्यान नहीं हैं. किसानों ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि विभागीय मंत्री और अधिकारियों के स्पष्ट निर्देश हैं कि केंद्रों में किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन जिले के अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं हैं.
उपार्जन केंद्रों पर किसानों के लिए करें ये सुविधाएं- रबी उपार्जन नीति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन केंद्रों पर आने वाले किसानों के लिए छाया की उचित व्यवस्था के लिए शेड लगाए जाएं साथ ही पीने के पानी, टेबल-कुर्सी, प्रतीक्षा कक्ष, और शौचालय का भी उचित प्रबंध किया जाए. इसके साथ निर्देश दिए गए हैं कि समिति स्तर पर पर्याप्त बिजली की सुविधा, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, इलेक्ट्रॉनिक उपार्जन उपकरण और नोटिस बोर्ड पर उपार्जन संबंधी जानकारी प्रदर्शित करें.
किसानों का आरोप हैं कि जिले में हर बार जिस तरह की अव्यवस्थाओं, अराजकताओं का माहौल केंद्रों में रहता हैं फिलहाल उससे भी बत्तर स्थितियां हैं यदि समय रहते केंद्रों पर ध्यान न दिया गया तो इस बार पुन: किसानों को विगत वर्षों की तरह परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
बताया जा रहा है कि किसानों के लिए पंजीयन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, और अब तक लगभग 2 लाख 91 हजार किसान इस प्रक्रिया में पंजीकृत हो चुके हैं. पंजीयन की अंतिम तारीख 31 मार्च 2025 रखी गई है. इस बार, किसानों को पंजीयन के लिए किसान एप, सहकारी समितियां और सरकारी कार्यालयों के माध्यम से सुविधाएं दी जा रही हैं.