भोपाल/पचमढ़ी. अंग्रेजों के दौर में पचमढ़ी को मध्यप्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा हासिल था, वहीं अब एक बार फिर वही परंपरा लौटती दिख रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में मध्यप्रदेश सरकार की पूरी कैबिनेट तीन दिनों तक पचमढ़ी में डेरा डालेगी. इस दौरान सरकार का पूरा प्रशासनिक संचालन यहीं से किया जाएगा.
बीजेपी विधायकों और सांसदों का प्रशिक्षण शिविर शुरू
16 जून तक चलने वाले इस तीन दिवसीय शिविर में पार्टी के 201 सांसद और विधायक हिस्सा ले रहे हैं. उन्हें पार्टी की रीति-नीति, अनुशासन, समय प्रबंधन, और जनप्रतिनिधियों की गरिमा के अनुरूप व्यवहार जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण बीजेपी संगठन की ओर से आयोजित किया जा रहा है, ताकि जनप्रतिनिधियों को और अधिक जिम्मेदार तथा प्रभावी बनाया जा सके.
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अमित शाह करेंगे उद्घाटन
इस शिविर की औपचारिक शुरुआत आज दोपहर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूपेन्द्र यादव, एल. मुरुगन, और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी उपस्थित रहेंगे. ये सभी नेता अलग-अलग सत्रों में जनप्रतिनिधियों को मार्गदर्शन देंगे.
पार्टी के अनुशासन पर जोर
हाल के वर्षों में प्रदेश के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयानों से पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. ऐसे में प्रशिक्षण शिविर का एक बड़ा उद्देश्य नेताओं को संयमित भाषा और आदर्श आचरण सिखाना भी है. पार्टी के बड़बोले नेताओं को अब अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: पचमढ़ी थी गर्मियों की राजधानी
गौरतलब है कि 1887 में अंग्रेजों के समय पचमढ़ी को गर्मियों की राजधानी घोषित किया गया था. आजादी के बाद भी यह परंपरा कुछ समय तक जारी रही. तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के कार्यकाल में आखिरी बार गर्मियों में राजधानी को पचमढ़ी शिफ्ट किया गया था. अब एक बार फिर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस ऐतिहासिक स्थल को राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना दिया है.