भिंड/भोपाल. मध्य प्रदेश के भिंड जिले से सामने आया एक चौंकाने वाला मामला अब पूरे राज्य में विवाद और आक्रोश का विषय बन गया है. भिंड के जिलाधिकारी (डीएम) कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे परीक्षा केंद्र में एक छात्र को थप्पड़ मारते हुए साफ नजर आ रहे हैं. घटना 1 अप्रैल की बताई जा रही है, लेकिन इसका CCTV फुटेज अब सामने आया है, जिसने प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है.
क्या है मामला?
घटना भिंड के दीनदयाल दंगरुलिया महाविद्यालय की है, जहाँ बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा चल रही थी. उसी दौरान डीएम संजीव श्रीवास्तव निरीक्षण पर पहुंचे.
आरोप है कि उन्होंने रोहित राठौड़ नामक छात्र को नकल के शक में रोका, फिर कई थप्पड़ मारे और दूसरे कमरे में ले जाकर भी पीटा.
CCTV वीडियो में साफ दिखता है कि अधिकारी पहले छात्र को कक्षा में थप्पड़ मारते हैं और फिर उसे पकड़कर दूसरे कमरे में ले जाते हैं. वहाँ वे कहते सुने जा सकते हैं:
“तेरा पेपर कहां है? हवा में लिख रहा था?”
दोनों पक्षों के बयान:
डीएम संजीव श्रीवास्तव का पक्ष:
“कॉलेज में सामूहिक नकल की शिकायत मिली थी. कुछ छात्र प्रश्नपत्र बाहर भेजकर हल करवा रहे थे. रोहित के पास प्रश्नपत्र नहीं था, इसलिए मैंने कार्रवाई की.”
पीड़ित छात्र रोहित राठौड़ का पक्ष:
“मैंने कोई नकल नहीं की थी. डीएम साहब ने मुझे बिना कारण थप्पड़ मारे. उनके आईएएस अधिकारी होने के कारण मैं कुछ बोल नहीं सका. कान पर चोट लगी है.”
सोशल मीडिया पर नाराजगी और कार्रवाई की मांग:
वीडियो वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
ट्विटर और फेसबुक पर #ThappadbaazCollector ट्रेंड करने लगा.
लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की.
यूजर्स ने लिखा,
“अगर छात्र ने गलती की भी हो, तो डीएम को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.”
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कानूनी और प्रशासनिक सवाल:
इस घटना ने प्रशासनिक अधिकारों और आचरण पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है:
क्या एक वरिष्ठ अधिकारी को किसी भी स्थिति में शारीरिक हिंसा का अधिकार है?
क्या छात्र के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ?
क्या यह पद का दुरुपयोग नहीं है?