भोपाल. मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर तेजी से बदल रहा है. मौसम विभाग ने 15 और 16 जून के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, वहीं इससे पहले गर्मी और लू का कहर भी कई जिलों में जारी रहेगा. मौसम विभाग ने साफ किया है कि आने वाले दो दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून प्रदेश में एंट्री करेगा, जिससे दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में झमाझम बारिश हो सकती है.
कहां-कहां हो सकती है भारी बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और खंडवा में अगले 24 घंटों में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश होने की संभावना है. इन जिलों में भारी बारिश के चलते यातायात, जनजीवन और कृषि कार्यों पर असर पड़ सकता है. साथ ही, इन जिलों में आंधी और बिजली गिरने का खतरा भी जताया गया है.
इन जिलों में लू का कहर बरकरार
वहीं दूसरी ओर, ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, गुना और अशोकनगर में शुक्रवार को लू चलने का अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में अत्यधिक गर्मी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
मानसून के आगमन की स्थिति
अब तक दक्षिण-पश्चिम मानसून महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में रुका हुआ था, लेकिन अब उसमें गति आने लगी है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 14-15 जून के बीच मानसून मध्यप्रदेश में प्रवेश कर सकता है. सामान्यतः मानसून 15 जून को एमपी में प्रवेश करता है, जबकि पिछले साल यह 21 जून को पहुंचा था.
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अगले 4 दिन का मौसम पूर्वानुमान
14 जून: प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गरज-चमक और बारिश के आसार.
15-16 जून: दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना, मानसून एंट्री के प्रबल संकेत.
गर्मी का असर: दिन में तेज धूप और उमस, जबकि रात में तेज आंधी और बारिश की संभावना बनी रहेगी.
प्रभावित जिले जहां मौसम रहेगा बदला-बदला
भोपाल, उज्जैन, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में आंशिक बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं.
क्या करें – क्या न करें
लू प्रभावित क्षेत्रों में दोपहर 12 से 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें.
भारी बारिश के दौरान नीचे इलाकों में न जाएं, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें.
मौसम अलर्ट पर ध्यान दें और प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें.
प्रदेश में मौसम का यह बदलाव फसलों और जल स्रोतों के लिए राहत जरूर लेकर आ सकता है, लेकिन सावधानी बरतना भी उतना ही जरूरी है.