इंदौर. शिक्षा और सेवा का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए इंदौर की सरकारी स्कूल की शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु (Euthanasia) की मांग की है. पिछले पांच वर्षों से ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा (एक दुर्लभ हड्डी रोग) और गलत सर्जरी के चलते वे लकवाग्रस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद वे रोजाना व्हीलचेयर पर बैठकर स्कूल जाती हैं और आठ घंटे तक बच्चों को पढ़ाती हैं.
क्या है पूरा मामला?
2020 में एक गलत सर्जरी और दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से चंद्रकांता के शरीर का निचला हिस्सा पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया. शरीर में असहनीय दर्द और बार-बार फ्रैक्चर जैसी स्थिति के बावजूद उन्होंने कभी आत्महत्या का विचार नहीं किया. लेकिन अब, शारीरिक और मानसिक पीड़ा से टूटकर उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग की है.
साहस और सेवा का प्रतीक
चंद्रकांता जूनी इंदौर के एक सरकारी स्कूल में पदस्थ हैं.
रोजाना ऑटो-रिक्शा से व्हीलचेयर के सहारे स्कूल जाती हैं.
बच्चों को पढ़ाना उनका जुनून है — यही कारण है कि वे आत्महत्या नहीं करना चाहतीं, लेकिन अब जीना भी नहीं चाहतीं.
उन्होंने अपने शरीर के अंगों को एमजीएम मेडिकल कॉलेज को डोनेट करने की इच्छा जताई है.
साथ ही, उन्होंने अपनी संपत्ति छह जरूरतमंद विद्यार्थियों के नाम कर दी है.
सरकारी प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति को पत्र मिलने के बाद दिल्ली से आई रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय प्रशासन और सामाजिक न्याय विभाग अब मामले की गंभीरता से समीक्षा कर रहा है. जल्द ही चंद्रकांता की काउंसलिंग और सहायता के लिए विशेष दल नियुक्त किया जाएगा.