मध्य प्रदेश सरकार की बहुचर्चित लाड़ली बहना योजना में अब बड़ी छंटनी होने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार, दिवाली के बाद महिलाओं को 1500 प्रति माह की बढ़ी हुई राशि दी जाएगी. लेकिन इससे पहले सरकार पात्रता की कड़ाई से जांच कर अपात्र महिलाओं के नाम सूची से हटाएगी.
सरकार का कहना है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक रूप से पात्र महिलाओं को मिलना चाहिए, और इस उद्देश्य से योजना का व्यापक ऑडिट शुरू किया गया है.
सरकार की दो-चरणीय रणनीति: पहले अपील, फिर जांच
1. स्वेच्छा से नाम वापस लेने की अपील — सबसे पहले अपात्र महिलाओं से स्वयं योजना से बाहर होने की अपील की जाएगी.
2. विभागीय जांच टीमें — यदि फिर भी नाम नहीं हटे, तो महिला एवं बाल विकास विभाग की टीमें जांच करेंगी और अपात्र लाभार्थियों को सूची से हटा दिया जाएगा.
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अब तक हटाए गए 1.63 लाख नाम
हाल ही में जांच के दौरान 1.63 लाख महिलाओं के नाम हटाए जा चुके हैं. पाया गया कि कई महिलाओं ने गलत जानकारी, जैसे झूठी समग्र आईडी या आय विवरण देकर योजना का अनुचित लाभ लिया था. अब सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और पात्रता की शर्तों पर सख्ती से अमल कर रही है.
योजना में अब मिलेगा 1500 प्रतिमाह
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत में महिलाओं को 1000/माह की सहायता दी जा रही थी.
* अक्टूबर 2023 से राशि बढ़ाकर 1250 की गई.
* अब भाई दूज (दिवाली के बाद) से यह राशि 1500 प्रतिमाह हो जाएगी.
* भविष्य में इसे 3000/माह तक ले जाने की योजना है.
लेकिन इस बढ़े हुए वित्तीय बोझ (3100 करोड़/माह) को देखते हुए, असली हकदारों तक ही योजना को सीमित किया जाएगा.
अब तक 1.26 करोड़ महिलाएं लाभान्वित
यह मध्यप्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी DBT योजना है. योजना की सफलता को देखते हुए कई अन्य राज्यों ने भी इस तर्ज पर योजनाएं शुरू की हैं.
पात्रता की शर्तें — ध्यान दें ये नियम
योजना के लिए पात्रता के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
महिला और उसके पूरे परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए.
परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता नहीं होना चाहिए.
परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी सेवा में (नियमित या संविदा) न हो.
परिवार के पास चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) न हो.
भूमि 5 एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए.
यदि महिला या उसका परिवार पहले से किसी अन्य योजना से ₹1000/माह से अधिक की सहायता ले रहा हो, तो वह अयोग्य होगी.
परिवार में कोई भी सांसद, विधायक, या जनप्रतिनिधि न हो.
परिवार का कोई सदस्य सरकारी मंडल, बोर्ड, निगम आदि में अध्यक्ष या सदस्य न हो.
मंत्री निर्मला भूरिया का बयान
महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा,
“योजना की पात्रता शर्तों के अनुसार नियमित रूप से ऑडिट किया जाता है. अपात्र पाए जाने पर नाम हटाना हमारी जिम्मेदारी है.”