पाटन, देशबन्धु. पाटन मुख्यालय में आने वाले शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में एक-दो भू-माफिया को प्रशासनिक संरक्षण मिला है. इसी वजह से यह भू-माफिया बेखौफ होकर कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं. बिना किसी सरकारी अनुमति के यह लोग नगर एवं ग्रामीण इलाकों में कच्ची कॉलोनियां बसा रहे हैं.
इसका सीधा असर सरकार के राजस्व पर पड़ रहा है और प्लॉट खरीदने वाले आमजनों को भविष्य में बिजली, पानी, पक्की सडक, नाली, बच्चों के खेलने के लिए गार्डन इसके अलावा मंदिर जैसी मूलभूत प्रार्थना स्थल से भी प्लाट खरीदने वालों को वंचित रहना पड़ता है और इन परिवारों को भविष्य में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
ऐसा ही एक मामला पाटन तहसील से निकलकर सामने आया है, जहां ग्राम पंचयात महुआखेड़ा में आने वाले नीमी गांव में पाटन नगर की किन्सवे होटल का मालिक एवं उसके पुत्र के द्वारा लगभग दो एकड़ कृषि भूमि पर टीएनसीपी व रेरा की अनुमति लिए बिना, साथ ही बिना मद परिवर्तन व डायवर्सन के पटवारी हल्का क्रमांक 00158, खसरा क्रमांक 225/1/2 रकवा 0.3850 हेक्टेयर भू-स्वामी का नाम राजकिशोर व्यास पिता ओमकार व्यास एवं खसरा नं. 225/2/1/1/1/1/1 रकवा 0.3866 भू-स्वामी सौरभ व्यास पिता राजकिशोर व्यास पिता-पुत्र के खसरों की कुल कृषि भूमि जो लगभग 01 एकड़ 90 डिसमिल होती है.
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इन दोनों भू-माफिया के द्वारा उक्त कृषि भूमि को छोटे-छोटे प्लॉटों में बांटकर ऊंचे दामों पर बेचकर सरकार को मिलने वाले लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान कर दिया. इस पूरे मामले पर राजस्व विभाग के जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है. नवागत कलेक्टर राघवेंद्र सिंह मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने स्पष्ट किया था की जिले में अवैध निर्माण या प्लाटिंग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
हम भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर सख्ती करेंगे और अवैध प्लाटिंग में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी गतिविधियां न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि सरकारी राजस्व को भी लाखों रुपये का चूना लगाती हैं. जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश है कि रजिस्ट्री से पहले लेआउट स्वीकृति अनिवार्य है लेकिन पाटन रजिस्ट्री कार्यालय में लगभग 10-12 वर्षी से पदस्थ उप पंजीयक पुष्पराज कौरव भू- माफिया से साठ-गांठ कर धड़ाधड़ रजिस्ट्री कर रहे है.
सूत्र बताते है चादर ओड़कर घी पीने वाले उप पंजीयक ने रिश्वतखोरी का जाल नगर में इस कदर फैला रखा है कि बिना रजिस्ट्री आफिस की चौखट पर चढ़ावा चढ़ाए बिना कोई भी रजिस्ट्री नहीं होती है. बकायदा इस काम को अंजाम देने के लिए ऑफ में निजी लड़को को तैनात कर रखा है जो सारा अबैध लेनदेन का काम देखते है. यही कारण है की नगर में दिनों दिन अवैध प्लाटिंग करने वाले भू-माफिया सक्रिय है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि भू-माफिया सौरभ व्यास एवं राजकिशोर व्यास के द्वारा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियमों को पूरी तरह नजर अंदाज कर प्लॉट बेच रहे हैं. इसका एक हालिया उदाहरण कटंगी रोड पर स्थित तहशील कार्यलय से चंद कदमों की दूरी पर न्यू व्यास कॉलोनी एवं जबलपुर रोड पर स्थित पुरानी व्यास कॉलोनी है, जहाँ लोग प्लॉट खरीदकर मुसीबत में फंस गए हैं. यहां के न तो नक्शे पास होते है न ही पक्की सडक, नाली एवं गार्डन, मंदिर जैसी मूलभूत जरूरते भी कॉलोनी वासियों से कोशों दूर है. वही जिम्मेदारो के द्वारा इसके खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से अवैध प्लॉटों की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है. इस लापरवाही से आम लोगों की गाढ़ी कमाई भी खतरे में है. आखिर नियमों को दरकिनार कर अबैध कॉलोनी काटने वाले राजकिशोर व्यास एवं सौरभ व्यास पर प्रशासन कब कराएगा एफआईआर दर्ज.
इनका कहना है
जब जिले के पाटन तहसील के नीमी हल्का में हो रही अवैध प्लाटिंग के सम्बन्ध में अपर कलेक्टर ग्रामीण नाथूराम गौड से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल नहीं उठ इसी मामले को लेकर पाटन तहशीलदार से बात की गई तो उन्होंने बताया की उक्त मामला आपके माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है मैं इसे दिखता हूं.
सचितानद त्रिपाठी, तहसीलदार, पाटन जिला जबलपुर