मझौली, सीधी देशबन्धु. सीधी जिले के मझौली नगर परिषद में इन दिनों भ्रष्टाचार चरम सीमा पर देखा जा रहा है.वहीं नगर परिषद की मनमानी को देखते हुए उपाध्यक्ष सहित कई पार्षदों ने एसडीएम को पत्र सौंप कर लोक निर्माण विभाग के द्वारा नगर परिषद के निर्माण कार्यों की जांच कराए जाने की मांग किए गए जिसको संज्ञान में लेते हुए उपखंड अधिकारी राजस्व मझौली आरपी त्रिपाठी द्वारा कार्यालय पत्र जारी कर पार्षदों द्वारा सौंपे गए शिकायत पत्र की मूल प्रति सप्रेषित करते हुए.
अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया है कि आप दो सुयोग्य उपयंत्री के साथ नगर परिषद के निर्माण कार्यों जो पार्षदों द्वारा वर्णित किए गए हैं की जांच करा कर जांच प्रतिवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद मझौली को सौंप कर अवगत कराने के निर्देश दिए हैं. लेकिन हफ्तों बीतने को है अभी तक इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा कोई रुचि नहीं दिखाई गई है जबकि निर्माण कार्यों के भुगतान पर भी रोक लगाया जाना वर्णित किया गया है.
अब देखना होगा कि जांच विभाग क्या निष्पक्षता पूर्ण जांच कर प्रतिवेदन संबंधित विभाग को सौंपता है कि अन्य विभागों की तरह कमीशन के बिछाए बिस्तर के नीचे एसडीएम के पत्र को दवाकर हमेशा हमेशा के लिए विलीन कर दिया जाएगा. हलाकि अभी जिले के सभी अधिकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री आगमन की तैयारी में जुटे हुए थे लेकिन अब जबकि मुख्यमंत्री का आगमन निरस्त हो चुका है कितने तत्परता से इस जांच कार्यवाही को निपटाते हैं.
नगर परिषद मझौली के उपाध्यक्ष सहित कई वार्ड पार्षदों ने नगर परिषद के विभिन्न वार्डों में सडक एवं नाली निर्माण कार्य जो कि अत्यन्त घटिया किस्म का कार्य किया गया है नाली बनाते समय ही ध्वस्त एवं गिर गयी थी. जिसका पेपरों के माध्यम से कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया था. नगर निकाय में पदस्व उपयंत्री मुन्नालाल का स्थानांतरण के बाद भी कई कार्य किये गये हैं. जिनमें किसी भी प्रकार का कोई क्निकाल अमला उपस्थित नही रहता था जिसके कारण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित हुयी है.