मझौली, सीधी. नगर परिषद मझौली में अध्यक्ष पद को लेकर निर्वाचन की याचिका दायर की गई थी. जिस पर जिला न्यायालय के प्रथम जिला न्यायाधीश द्वारा फैसला देते हुए निर्वाचन की प्रक्रिया शुन्य घोषित किया गया है. साथ ही 30 हजार रुपए की जुर्माने की राशि भी जमा करने का आदेश जारी किया गया. इसके बाद अब अध्यक्ष नगर परिषद नहीं बैठेंगे. उनके खिलाफ बड़ा फैसला माना जाएगा. बता दे कि नगर परिषद चुनाव के दौरान पार्षद के बाद अध्यक्ष का चुनाव हुआ था.
यह चुनाव 10 अगस्त 2022 को हुआ है. जिसमें कि अध्यक्ष पद में शंकर प्रसाद गुप्ता एक मत से विजय हांसिल किए थे. इस मामले को लेकर गलत तरीके से निर्वाचन बनाने की याचिका लवकेश सिंह द्वारा जिला न्यायालय में दायर की गई थी. उनका तर्क था कि यह गलत प्रक्रिया के तहत चुनाव कराया गया है.
इस मामले में याचिकाकर्ता लवकेश सिंह एवं उनके अधिवक्ता विजय कुमार त्रिपाठी एवं योगेश सिंह द्वारा शंकर गुप्ता सहित 16 लोगों के खिलाफ याचिका दायर किए थे. जिस पर सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाया गया है कि याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत याचिका आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेशित किया जाता है कि दिनांक 10/08/2022 को नगर परिषद मझौली के लिए हुए निर्वाचन को अवैध एवं शून्य घोषित किया जाता है. अन्य अनुतोषों के संंबंध में याचिका निरस्त की जाती है तथा यह भी घोषित किया जाता है कि नगर परिषद मझौली के अध्यक्ष पद की आकस्मिक रिक्ति हुई है.
इनके खिलाफ सुनाया गया जुर्माने का आदेश
जिला न्यायाधीश द्वारा यह भी फैसला सुनाया गया है कि उत्तरावादी क्रमांक 1 शंकर प्रसाद गप्ता, उत्तरावादी क्रमांक 15 विदेश सिंह एवं उत्तरावादी क्रमांक 16 निर्वाचन पीठासीन अधिकारी संयुक्तत: अथवा प्रतकत: याचिकाकर्ता को 30 हजार रुपए की राशि अपील अवधि पश्चात अदा करें. अपील होने पर यह आदेश अपीलीय न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगा.
न्यायालय के आदेश का हम करते हैं स्वागत: लवकेश
इस संबंध में याचिकाकर्ता लवकेश सिंह गहरवार ने कहा कि जिला न्यायालय के न्यायाधीश के आदेश का हम स्वागत करते हैं. उनके द्वारा निष्पक्ष फैंसला किया गया है. इस मामले में अधिवक्ता विजय कुमार तिवारी एवं योगेन्द्र सिंह को भी मैं धन्यवाद देता हूं. गलत निर्वाचन के रूप में अध्यक्ष बने थे. जिस वजह से यह न्यायालय द्वारा निष्पक्ष फैंसला सुनाया गया है.