जबलपुर. एमबीबीएस, बीडीएस, बीए, एमए, पीएचडी, एमडीएस ओरल सर्जरी, एमआईडीए, कॉस्मेटोलॉजी डॉक्टरों के बारे में इन दिनों कुछ रील्स वायरल हो रही हैं. जिनमें खास तौर पर यह दिखाया जा रहा है कि कौन से डॉक्टर किस तरह का नशा कर रहे हैं. बताया जा रहा हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ दांत के डॉक्टरों द्वारा रील्स बनाकर उसे वायरल किया गया. व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा और अन्य कारणों के चलते वायरल वीडियो इस कदर वायरल किए गए कि इसको लेकर मध्यप्रदेश राज्य दंत परिषद को हरकत में आना पड़ा. परिषद के इंदौर स्थित कार्यालय से गुरुवार को चेतावनी जारी की गई कि डॉक्टर रील्स बनाकर भ्रामक जानकारी न फैलाएं. यह कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन माना जाएगा.
इसके चलते उन पर अनुशानहीनता माना जाएगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इन रील्स में दांत के डॉक्टर ड्रग्स का नशा करते और डॉक्टर की डिग्री को खरीदना दिखा रहे हैं. हालांकि दंत परिषद को अभी इसकी जानकारी नहीं है कि रील्स में दिखने वाले डॉक्टर कहां के हैं. वे इसकी पड़ताल कर रहे हैं और पहचान होने के बाद वे उन्हें भी नोटिस देंगे.
रील्स में नशा करते दिखाए जा रहे डॉक्टर
एक और रील जो वायरल हो रही है उसमें ये एमबीबीएस, बीडीएस, बीए, एमए, पीएचडी, एमडीएस ओरल सर्जरी, एमआईडीए, कॉस्मेटोलॉजी डॉक्टरों के बारे में बताया जा रहा है. इसमें यह भी दिखाया जा रहा है कि कौन से डॉक्टर किस तरह का नशा कर रहे हैं. जैसे कि एमबीबीएस को सिरींज के जरिए, बीए, एमए, पीएचडी वालों को ड्रग्स लेने के तरीके और बीडीएस को सिरप का नशा करते हुए दिखाया जा रहा है.
इसका टैगलाइन भी दिया गया है कि सस्ते नशे कौन कर रहा हंै. दांत के डॉक्टरों द्वारा वायरल की गई रील में उन्होंने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. जिसमें डॉक्टर के पास ईलाज करवाने गया एक व्यक्ति डॉक्टर के क्लीनिक में रखे उपकरणों का मूल्य बता रहा है. इसमें दिख रहा डॉक्टर उससे कह रहा है कि ये तो कुछ भी नहीं, इससे भी महंगी चीज आपके पीछे दीवार पर टंगी है. इसके बाद रील में डॉक्टर की डिग्री दिखाई जाती है और कहा जाता है कि यह 30 से 35 लाख रुपए से भी ज्यादा महंगी आती है.
भ्रामक प्रचार पर भड़का दंत परिषद
मध्यप्रदेश राज्य दंत परिषद ने एक सख्त अधिसूचना जारी कर दंत चिकित्सकों को सोशल मीडिया पर भ्रामक, अशिष्ट और अनुचित पोस्ट करने से परहेज करने के निर्देश दिए हैं. परिषद ने यह चेतावनी उस प्रवृत्ति के खिलाफ जारी की है, जिसमें कुछ पंजीकृत दंत चिकित्सक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि) पर दंत चिकित्सा संकट से संबंधित भ्रामक और भड़काऊ सामग्री साझा कर रहे हैं.
परिषद के अध्यक्ष डॉ. चन्द्रेश शुक्ला और रजिस्ट्रार डॉ. हर्ष चंसौरिया द्वारा जारी यह चेतावनी में स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियां न केवल दंत चिकित्सा व्यवसाय की गरिमा को ठेस पहुंचा रही हैं, बल्कि नवशिक्षार्थी विद्यार्थियों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं. यह कार्य भारतीय डेंटल कोड ऑफ एथिक्स रेगुलेशन, 2014 का स्पष्ट उल्लंघन माना गया है.