भोपाल. मध्य प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश का दौर लौट आया है. राज्य के 19 जिलों में शनिवार और रविवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में सक्रिय पांच अलग-अलग मौसम प्रणालियों के चलते पूर्वी और उत्तरी इलाकों में तेज बारिश की संभावना बनी हुई है.
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर और पांर्ढुना में अगले दो दिनों में भारी बारिश हो सकती है. इसके साथ ही ग्वालियर, चंबल, भोपाल, रीवा और शहडोल संभागों के अन्य जिलों में भी तेज बारिश के आसार हैं.
कहां-कितनी हुई बारिश
शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक सीधी में सबसे अधिक 163 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा खजुराहो में 62 मिमी, उमरिया में 46 मिमी, रीवा में 44 मिमी, सतना में 29 मिमी, पचमढ़ी में 12 मिमी, ग्वालियर में 11 मिमी और सागर, दमोह, रतलाम में 7-7 मिमी बारिश दर्ज की गई.
सामान्य से 70% अधिक वर्षा
1 जून से अब तक प्रदेश में औसतन 392.2 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य औसत 231.1 मिमी से लगभग 70% अधिक है. मौसम विभाग ने इसे मानसून की सक्रियता का संकेत बताया है.
मौसम प्रणालियों की स्थिति
मौसम विज्ञानी वीएस यादव के अनुसार:
मानसून द्रोणिका बीकानेर से दीघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रही है.
उत्तरी छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवात बना हुआ है.
एक अन्य द्रोणिका दक्षिणी गुजरात से होते हुए उत्तरी छत्तीसगढ़ तक फैली हुई है.
एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के पास सक्रिय है.
इन प्रणालियों के प्रभाव से प्रदेश में रुक-रुककर बारिश का सिलसिला बना हुआ है.
विशेषज्ञ की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला का कहना है कि उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना चक्रवात अब उत्तरी मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रहा है, जिससे ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल अंचलों में भारी बारिश की संभावना और बढ़ गई है.
निवासियों से अपील: प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है. आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड में हैं.