प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार रात को हुई महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 लोगों की मौत हो गई. यूपी सरकार ने बुधवार शाम तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें से 25 की पहचान हो चुकी है. मेला प्रशासन के अनुसार, घाट पर बैरिकेड्स टूटने के कारण श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिर गए, जिससे भगदड़ मच गई. हादसे के बाद, कई श्रद्धालु अपने मृत परिजनों के शव से चिपके रहे, क्योंकि उन्हें डर था कि शव कहीं खो न जाए.
मेला प्रशासन ने इस हादसे की वजह यह बताई कि अमृत स्नान के दौरान पांटून पुलों के बंद होने से संगम तट पर भारी भीड़ जमा हो गई थी. इससे स्थिति बिगड़ी और भगदड़ मच गई.
हादसे के बाद, 13 अखाड़ों ने सुबह के बजाए शाम को अमृत स्नान किया. मेला प्रशासन ने बताया कि मौनी अमावस्या तक कुल 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, और 13 जनवरी से अब तक 27.58 करोड़ लोग महाकुंभ में हिस्सा ले चुके हैं.
प्रयागराज में सुरक्षा उपायों के तहत एंट्री पॉइंट्स बंद
भगदड़ की घटना के बाद, प्रयागराज में सुरक्षा बढ़ाते हुए 8 प्रमुख एंट्री पॉइंट्स (भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर और मिर्जापुर बॉर्डर) बंद कर दिए गए हैं. इसके साथ ही पूरे मेला क्षेत्र को 4 फरवरी तक नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है. सभी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और मेले में कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा.