महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए लोगों ने कई तरह के अनोखे तरीके अपनाए. जहां सड़कें जाम हो गईं और ट्रेनें फुल हो गईं, वहीं एक समूह के 7 लोगों ने जुगाड़ की नाव बनाकर अपनी यात्रा को आसान बनाया. इन लोगों ने अपनी नाव पर 550 किलोमीटर की दूरी तय की, जिसमें उन्हें 84 घंटे लगें. इस अनोखी यात्रा के दौरान, उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनका उत्साह और साहस उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा.
महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जहां लाखों लोग एकत्र होते हैं. इस मेले में शामिल होने के लिए लोग विभिन्न साधनों का उपयोग करते हैं, जिनमें से जुगाड़ की नाव एक अनोखा तरीका है. बिहार और यूपी के 7 लोग मोटरबोट से पानी के रास्ते 275 किलोमीटर सफर करके महाकुंभ में पहुंचे. संगम में डुबकी लगाई और वापस उसी रास्ते बिहार में अपने गांव पहुंच गए.
प्रयागराज में 8 और 9 फरवरी को प्रयागराज आने वाले हर रास्ते पर भीषण जाम के हालात थे. ट्रेनों में सीटें फुल थीं. लोग दो-दो दिन का सफर करके भी महाकुंभ नहीं पहुंच पा रहे थे. महाजाम में श्रद्धालु 5 से 6 घंटे तक गाड़ियों में ‘रोड अरेस्ट’ हो गए. इससे बचने के लिए पानी के रास्ते संगम पहुंचने का प्लान बनाया. मोटरबोट पर गैस सिलेंडर, चूल्हा समेत खाने-पीने के पूरे इंतजाम थे. दो लोग नाव चलाते और बाकी 5 लोग आराम करते थे. करीब 550 किलोमीटर का बक्सर-टू-प्रयागराज का ये 84 घंटे का सफर एकदम अनूठा और रोमांचकारी रहा.
पूरी यात्रा में हमारे करीब 20 हजार रुपए खर्च हुए. इसमें मोटरबोट का पेट्रोल खर्च भी शामिल है. रास्ते में कई बार पेट्रोल खरीदकर हम एक प्लास्टिक कैन में स्टोर कर लेते थे. इससे रास्ते में तेल की कोई दिक्कत नहीं होती थी. हर वक्त दो लोग नाव चलाते थे और बाकी 5 लोग आराम करते थे. इस तरह ये रोस्टर चलता रहता था. हमारी इस तरह की ये इतनी लंबी पहली यात्रा थी.
यह अनोखी यात्रा न केवल इन लोगों के लिए एक यादगार अनुभव थी, बल्कि यह उनके साहस और संकल्प को भी प्रदर्शित करती है. उनकी इस यात्रा ने दिखाया कि कैसे लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए और अनोखे तरीके अपना सकते हैं. महाकुंभ मेले में इस तरह की अनोखी यात्राओं को देखकर यह स्पष्ट होता है कि लोगों में धार्मिक भावना और साहस की कोई कमी नहीं है. यह मेला न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र है, बल्कि यह लोगों की एकता और सामाजिक भावना को भी दर्शाता है.