उत्तर प्रदेश. महोबा जिले के डगरिया गांव में 17 दिन पहले हुए भीषण आग हादसे में दो मासूम बच्चों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि उनकी मां गंभीर रूप से झुलस गई हैं. फिलहाल महिला का इलाज छतरपुर जिला अस्पताल में जारी है.
खेलते समय हुई दुर्घटना – यह दर्दनाक हादसा सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे हुआ. कंचन (23), पत्नी रोहित विश्वकर्मा, घर में चूल्हे पर खाना बना रही थीं. पास में उनकी 4 वर्षीय बेटी मुस्कान और डेढ़ वर्षीय बेटा रोशन खेल रहे थे. खेलते-खेलते अचानक उन पर तारपीन का तेल गिर गया, जिससे उनके कपड़े भीग गए और चूल्हे की आग ने तुरंत उन्हें अपनी चपेट में ले लिया.
बच्चों को बचाने में स्वयं झुलसी मां – बच्चों की चीख सुनते ही कंचन उन्हें बचाने दौड़ीं, लेकिन इस कोशिश में वह खुद भी बुरी तरह झुलस गईं. बाहर फर्नीचर का काम कर रहे पिता रोहित आवाज सुनकर घर में दौड़े और पानी डालकर आग बुझाई.
इलाज के दौरान मौत – घटना के बाद तीनों को महोबा जिला अस्पताल पहुंचाया गया. इलाज के दौरान उसी दिन बेटे रोशन की मौत हो गई. बेटी मुस्कान और मां को गंभीर हालत में छतरपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां 17 दिनों तक चले इलाज के बाद मंगलवार-बुधवार की रात मुस्कान ने भी दम तोड़ दिया.
पोस्टमॉर्टम और वर्तमान स्थिति – मुस्कान का बुधवार सुबह पोस्टमॉर्टम किया गया, जिसकी पुष्टि अस्पताल चौकी द्वारा तैयार किए गए पंचनामा में हुई है. कंचन की हालत गंभीर है और उनका उपचार जारी है.
पिता ने सुनाया घटनाक्रम – पीड़ित पिता रोहित विश्वकर्मा ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं — मुस्कान, रोशन और कीर्ति हादसे के समय पत्नी खाना बना रही थीं, कीर्ति पास में सो रही थी और बाकी दोनों बच्चे खेल रहे थे. अचानक तारपीन का तेल गिरने से आग लगी और यह त्रासदी घटित हो गई.