जबलपुर. मंडला जिले में बैगा आदिवासी युवक की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा से लेकर शहरों में भी प्रदर्शनों का दौर जारी हैं. विधानसभा के भीतर जहां कांग्रेस विधायकों ने इस घटना के खिलाफ विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया वहीं जबलपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में आदिवासी समाज से जुड़े संगठनों के साथ अन्य संगठनों द्वारा प्रदर्शनों का दौर जारी रहा.
ज्ञात हो कि इस घटना के बाद प्रदेश में आदिवासी अधिकारों और पुलिस की कार्रवाई पर बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं. सरकार के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है क्योंकि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
मामले में हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग
जबलपुर कलेक्ट्रेट में आदिवासी बहुजन अधिकार कल्याण संघ (अवाक्स) द्वारा मामले में मृतक हीरन परते (बैगा) की हत्या का आरोप लगाते हुए प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कलेक्टर जबलपुर को ज्ञापन सौंपा गया. अवाक्स जबलपुर ने बिछिया के लसरीटोला गांव निवासी हीरन परते की नक्सली बताकर पुलिस द्वारा की गई कथित तौर पर जघन्य हत्या का आरोप लगाया गया.
इसके विरोध में कथित हत्या की न्यायिक जांच की मांग को लेकर घंटाघर कंट्रोल रूम के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम जबलपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. प्रदर्शन और ज्ञापन में अवाक्स के देवेश कुमार चौधरी, तेजकुमार भगत, डॉ बी एल झारिया, तरुण रोहितास, एस पी मरावी, शिवनाथ चौधरी आलम, बैजनाथ पटेल, कमलेश धपोड़कर, धर्मेन्द्र कुशवाहा, डॉ सत्येंद्र ब्यौहार, शुभम चौधरी, मुकेश बरकडे, सोनेलाल उरेती, प्रमेंद्र धुर्वे, सी एस सिरसाठ, जीवन जाटव, एड हरीश सिहोते, दीपक चौधरी, अमित साहू, मुनिराम मरावी, डेनियल इब्राहिम, एस के प्रधान, राजेश बैगा, प्रकाश नागले, राकेश मून, इंद्रसेन मरावी, ब्रजराज चोखे, दिनेश चौधरी, संजय सेन, दिनेश चौधरी, योगेश कोल, मनोज भारती, सत्येंद्र उरेती, विजयपाल सिंह मरावी, उमाचरण झारिया, मूलचंद मोरे आदि पदाधिकारी उपस्थित थे.