मंडला, देशबन्धु. नियम कानून की धज्जियां उड़ाकर कई तरह के कार्य मध्य प्रदेश के मंडला जिले में किया जा रहे हैं शासन प्रशासन के ही संरक्षण में इस जिले में नियम कानून को ताक में रखकर काम किया जा रहा है जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी भी पनप रही है और नियम कानून का पालन नहीं होने की वजह से शासन प्रशासन के प्रति विश्वास कम होते जा रहा है.
एक ऐसा ही मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है चर्चा की जा रही है कि नगर पालिका परिषद मंडला द्वारा नियम कानून को ताक में रखकर बाजार का ठेका ठेकेदार को दे दिया गया है इनके संबंध में चर्चा चल रही है कि इनके ऊपर बकाया राशि थी इस बकाया राशि को निर्धारित समय सीमा के अंदर जमा नहीं किया गया और ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से नगर पालिका परिषद मंडला द्वारा इस बकायादार ठेकेदार को ठेका दे दिया गया है जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी व्याप्त है.
बताया जा रहा है कि ठेका होने के बाद बकाया राशि जमा की गई जबकि जानकारों की माने तो बकाया राशि पहले जमा करना चाहिए था नगर पालिका परिषद ने नियम कानून खुद बनाए और नियम कानून का उल्लंघन नपा द्वारा ही किया जा रहा है जो जांच का विषय हो गया है नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 160 के अंतर्गत वर्ष 2025..26 के लिए अस्थाई दखल एवं दैनिक साप्ताहिक बाजार की शुल्क वसूली का ठेका हुआ है.
जिसमें कंडिका 20 में स्पष्ट है कि बकायदार ठेकेदार को नीलामी की पात्रता नहीं है और न ही उन्हें नीलामी स्थल में प्रवेश देने का भी नियम नहीं है लेकिन जानकारी मिली है कि इन सब के बावजूद इस ठेकेदार को ठेका दे दिया गया जिसके ऊपर बकाया राशि थी और जिसने नीलामी के पूर्व निर्धारित समय सीमा में बकाया राशि जमा नहीं की थी बताया जा रहा है कि लगभग 25 हजार 68 रुपए की राशि बकाया थी यह जांच का विषय हो गया है की बकाया राशि होने के बावजूद भी इस ठेकेदार को बाजार का ठेका आखिरकार क्यों दे दिया गया राशि कब जमा की गई यह भी जांच का विषय है.
सूत्रों की माने तो निश्चित समय सीमा में राशि जमा नहीं की गई थी बाद में हो सकता है राशि जमा कराई गई हो औरलाभ पहुंचाने की दृष्टि से इस ठेकेदार को ठेका दिया गया है ऐसा लोगों का मानना है सही क्या है इस संबंध में उच्च जांच पड़ताल कराई जाए ठेकेदार और उन तमाम अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए जिनके द्वारा नियम कानून को ताक में रखकर अपने चहेते ठेकेदार को ठेका दे दिया गया है जन अपेक्षा है सरकार जांच कर ठेका निरस्त करें और दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करते हुए पुन: बाजार का ठेका नियम अनुसार दिया जाए.