जबलपुर, देशबन्धु. स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद धरातल पर नाकाफी साबित हो रही है. इसका एक ताजा मामला जबलपुर के मनमोहन नगर स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है. यहां पर बीते कई माह से सोनोग्राफी मशीन का लाभमरीजों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे शासन प्रशासन के दावों की पोल खुल गई है.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य समुदाय केंद्रों को मजबूत बनाने की तरफ ध्यान दिया है. जबलपुर में अभी रांझी और मनमोहन नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है. इन्हें बेहतर बनाने की काम किया गया. अब तो इस तरह के मामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं के प्रसूति वार्ड तक शुरू कर दिये गये हैं. लेकिन अब भी मेन पॉवर के अभाव रो में मशीनों का उपयोग मरीजों के लिये नहीं हो पा रहा है.
सोनोग्राफी चलाने वाला ऑपरेटर नहीं
मनमोहन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो से तीन माह पूर्व मरीजों की मांग पर सोनोग्राफी की मशीन लगाई गई थी. जब से अब तक मशीन को ऑपरेट करने वाला नहीं मिला है. इससे विशेष रूप से प्रसव वार्ड में आने वाली महिला मरीजों को गंभीर स्थिति के दीयन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इससे कई बार या तो बाहर से अथवा एल्गिन या मेडीकल कॉलेज मरीज को रिफर कर दिया जाता है. ज्यादातर यहां पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले परिवार को महिला मरीज भर्ती होती हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं रहते हैं कि बाहर से निजी स्थान पर सोनोग्राफी का महंगो जांच करा सके. इसी को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग ने आनन फानन में सोनोग्राफी मशीन लगवा दी गई. परंतु जब मशीन को ऑपरेट करने वाले नहीं होंगे तो इसकी उपयोगिता पर सवाल उठना लाजिमी है.