जबलपुर,देशबन्धु. बिजली के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को नम्बर एक राज्य बनाना है। इसके लिये टीम भावना के साथ कार्य करें। बिजली कंपनियों की नवीन संगठनात्मक संरचना (ओ.एस.) स्वीकृत होते ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू करें। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह निर्देश भोपाल में गुरूवार को मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये।
सभी कंपनियों की नीति एक जैसी हो-ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी रखने की नीति सभी कंपनियों की एक समान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक टीम बनायें, जो यह देखे कि कंपनियों में क्या समस्यायें हैं। साथ ही उनके निराकरण के लिए एक समान नीति बनाये।
लाइन लासेस कम करें- मंत्री श्री तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर लाइन सासेस कम करें। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में बिजली बिलों की बसूली कम होती है, वहाँ वसूली बढ़ाने के लिये कार्य योजना बनायें। उपभोक्ता संतुष्टि को प्राथमिकता दें।
लोक अदालतों में कराये प्रकरणों का निराकरण-मंत्री श्री तोमर ने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से लंबित प्रकरणों का निराकरण करायें। इससे कंपनी की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बिलिंग के सिस्टम में समानता होनी चाहिए। अवैध कनेक्शन को मीटरीकृत कर वैध करें। इससे बिलों की वसूली हो सकेगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में तत्परता से कार्यवाही करें। शासन के निर्देशों के अनुरूप नीति बनायें, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करें।
जनसंवाद करें-ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि जन संवाद को गंभीरता से लें। यह कंपनी और उपभोक्ता दोनों के लिये लाभकारी है। वर्ष 2021 से अभी तक 17 लाख 20 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ताओं से संवाद हो चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग की परिसंपत्तियों को सूचीवद्ध करवाकर उन्हें सुरक्षित करें। आवश्यकतानुसार फेंसिंग अथवा वाउण्ड्रीबाल बनवायें। बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मण्डलोई ने विभागीय योजनाओं की उपलब्धियों की जानकारी दी।
बैठक में एम.डी. पूर्व क्षेत्र कंपनी श्री अनय द्विवेदी, एम.डी. मध्य क्षेत्र कंपनी श्री क्षितिज सिंघल और एम.डी. पश्चिम क्षेत्र कंपनी श्री अनूप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।