नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब दिया. मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज कुछ लोग खुलेआम शहरी नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं, भारतीय राज्य को चुनौती दे रहे हैं और उसके खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर रहे हैं.
यह भाषा बोलने वाले न तो संविधान को समझते हैं और न ही देश की एकता को. सात दशकों तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया. यह न केवल संविधान के साथ, बल्कि इन क्षेत्रों के लोगों के साथ भी अन्याय था. हम संविधान की भावना से जीते हैं, और इसलिए हम मजबूत निर्णय लेते हैं. हमारा संविधान भेदभाव का अधिकार नहीं देता.
जो लोग संविधान को अपनी जेब में रखकर जीते हैं, उन्हें नहीं पता कि आपने मुस्लिम महिलाओं को किस तरह की कठिनाइयों में रहने के लिए मजबूर किया. इस दौरान उन्होंने पूर्व नेतृत्व की आलोचना करने के लिए टीओआई में छपे ययशेष पृष्ठ 2 पर
.. तो इस्तीफा दे दूंगा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि- महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था का दावा किया गया, लेकिन हकीकत यह नहीं है. अगर यह साबित कर दिया जाये कि 100 करोड़ की व्यवस्था हुई है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. उन्होंने मौतों के आंकड़े पर भी गंभीर सवाल उठाये.
कोई बड़ी बात नहीं
उधर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कुंभ भगदड़ में हुई मौतों की घटना को लेकर कहा कि बड़ा आयोजन था उस मान से यह घटना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. मीडिया द्वारा इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. सांसद ने कहा- कुंभ को लेकर राज्य और केन्द्र सरकार ने बढ़िया व्यवथाएं की हैं.