काबुल. कला बॉर्डर पश्चिमी हेरात में इस्लामक्रॉसिंग के रास्ते 30,000 से ज्यादा अफगान शरणार्थी ईरान से स्वदेश लौट आए हैं। यह हाल ही में सबसे बड़ी सामूहिक वापसी में से एक है।
सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रांतीय निदेशक मावलवी अहमदुल्ला मुत्ताकी ने बताया कि वतन लौटने वालों को पानी, भोजन और मेडिकल केयर सहित सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं।
अफगानिस्तान, ईरान के साथ दो प्रमुख क्रॉसिंग पॉइंट साझा करता है। एक पश्चिमी हेरात प्रांत में और दूसरा निमरोज प्रांत में। हाल ही में, दोनों क्रॉसिंग पर लौटने वाले शरणार्थियों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है।
रिफ्यूजी एंड रिपेट्रिएशन के प्रोविंशियल डायरेक्टर ने पिछले सप्ताह ‘सिन्हुआ’ को बताया कि निमरोज प्रांत में पुल-ए-अब्रेसहम बॉर्डर क्रॉसिंग के रास्ते हर दिन 2,000 से 3,000 लोग और लगभग 300 परिवारों के अफगानिस्तान लौटने का अनुमान है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 7 मिलियन अफगान रिफ्यूजी, जिनमें से अधिकांश अवैध प्रवासी हैं, वह वर्तमान में विदेश में रह रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा ईरान और पाकिस्तान में हैं।
अफगानिस्तान के उच्चायोग ने कहा कि बुधवार को कुल 1,685 अफगान परिवार, पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान से अपने वतन लौट आए हैं। इनमें 7,474 लोग थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शरणार्थी तोरखम बॉर्डर के रास्ते पूर्वी नंगरहार प्रांत, स्पिन बोलदक सीमा के रास्ते दक्षिणी कंधार प्रांत, इस्लाम कला बॉर्डर के रास्ते पश्चिमी हेरात प्रांत, पुल-ए-अबरेशम बॉर्डर के रास्ते पश्चिमी निमरोज प्रांत से होकर अपने घर लौटे। आयोग लौटने वाले लोगों को अस्थायी आश्रय, खाना-पानी, मेडिकल केयर और उनके संबंधित प्रांतों तक ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रदान करता है।
दोनों देशों के अधिकारियों ने बिना दस्तावेज के विदेशी नागरिकों से अपने अवैध प्रवास को खत्म करने और अपने घर लौटने के लिए कहा है।
तालिबान शासन लगातार अफगान रिफ्यूजियों से विदेश में रिफ्यूजी के रूप में रहना बंद करने और अपने युद्धग्रस्त देश के पुनर्निर्माण में योगदान देने के लिए घर लौटने की अपील कर रहा है।
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इससे पहले, 22 जून को स्थानीय मीडिया आउटलेट ‘टोलोन्यूज’ ने बताया था कि मिडिल ईस्ट में संघर्ष और असुरक्षा के बीच रोजाना लगभग 10,000 अफगान रिफ्यूजी ईरान छोड़कर अपने वतन लौट रहे हैं।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिमी हेरात प्रांत में इस्लाम कला क्रॉसिंग पॉइंट के माध्यम से रोजाना 8,000 से 10,000 व्यक्ति लौट रहे हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हजारों अफगान रिफ्यूजी संभवतः 2,000 से 3,000 व्यक्ति और लगभग 300 परिवार, निमरोज प्रांत के जरिए अपने वतन लौट रहे हैं।