इंदौर. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज बुधवार को इंदौर जिले के दौरे पर रहेंगे. इस प्रवास के दौरान वे शहर को 381 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात देंगे. साथ ही आपातकाल की विभीषिका पर आयोजित विशेष संगोष्ठी में भी भाग लेंगे.
शाम 4:10 बजे इंदौर पहुंचेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आगमन शाम 4:10 बजे इंदौर एयरपोर्ट पर होगा. वे शहर में विभिन्न स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे और शाम 7:40 बजे विमान द्वारा भोपाल के लिए रवाना होंगे. इस यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और बीजेपी संगठन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं.
आपातकाल की 50वीं बरसी पर विशेष संगोष्ठी
इंदौर मीडिया सह प्रभारी नितिन द्विवेदी ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री आपातकाल की विभीषिका पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में भाग लेंगे. यह कार्यक्रम शाम 4 बजे ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा.
इस संगोष्ठी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि होंगे, जबकि राज्यसभा सांसद एवं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे. पूर्व मंत्री अजय विश्नोई विशेष अतिथि के रूप में मंच साझा करेंगे. संगोष्ठी का आयोजन आपातकाल की 50वीं बरसी के अवसर पर भारतीय लोकतंत्र के इस काले अध्याय को याद करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
सीनियर सिटीजन बिल्डिंग का लोकार्पण
मुख्यमंत्री इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित सीनियर सिटीजन बिल्डिंग का लोकार्पण करेंगे. यह इमारत 16 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है, जिसमें 32 फ्लैट बनाए गए हैं. यह बिल्डिंग वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक आवास प्रदान करने की दिशा में अहम पहल है.
381 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने इस दौरे में इंदौर को लगभग 381 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात देंगे. इन कार्यों में शामिल हैं:
एमआर-11 मास्टर प्लान रोड
योजना 136 में 100 करोड़ की लागत से भवन निर्माण
टीपीएस योजनाओं के तहत विभिन्न अधोसंरचना कार्य
जल टंकियों का निर्माण – योजना 151 और 169बी में 21 मीटर ऊंची पानी की टंकियां
टीपीएस-4 में रोड, क्रश बैरियर, मास्टर प्लान रोड और बिजली के सब-स्टेशन
योजना 166 में विद्युतीकरण कार्य
टीपीएस-10 के अंतर्गत ग्राम बांगड़दा, पाल कांकरिया और टिगरिया बादशाह में विकास कार्य
मुख्यमंत्री की इस यात्रा को शहर के लिए विकास की नई रफ्तार देने वाला कदम माना जा रहा है. साथ ही बीजेपी संगठन इसे लोकतंत्र के मूल्यों को याद करने और जनभागीदारी को सशक्त बनाने का अवसर भी बता रहा है.