एमपी हाईकोर्ट में शनिवार को इतिहास रचते हुए पहली बार अवकाश के दिन 10 बेंच एक साथ बैठीं. सुबह 10:30 बजे से ये बेंच लंबित जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही हैं. अनुमान है कि प्रत्येक बेंच लगभग 100 मामलों की सुनवाई करेगी. यानी सिर्फ एक दिन में करीब 1,000 जमानत याचिकाओं का निराकरण संभव होगा.
दरअसल, हाईकोर्ट में करीब 3,000 जमानत याचिकाएं लंबित हैं. बढ़ती याचिकाओं और जेलों में कैदियों की संख्या को देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा से विशेष पहल की मांग की थी. इसके बाद यह निर्णय लिया गया.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके जैन और सचिव परितोष त्रिवेदी ने बताया कि छुट्टियों की अधिकता (31 दिसंबर तक 50 से ज्यादा छुट्टियां) के कारण मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही थी. ऐसे में यह कदम ऐतिहासिक और आवश्यक है.
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इसके अलावा, पिछले सालों में लोक अदालत और मीडिएशन सेंटरों ने मामलों के निपटारे की रफ्तार जरूर बढ़ाई है, लेकिन केसों की संख्या के अनुपात में यह प्रयास अभी भी कम पड़ रहे हैं. विशेषज्ञों और बार एसोसिएशन की मांग है कि शेष 12 न्यायाधीशों की नियुक्तियां जल्द की जाएं ताकि आम जनता को समय पर न्याय मिल सके.