नागदा, उज्जैन. संगीत सूर्य केशवराव भोसले सांस्कृतिक परिषद मध्य प्रदेश के तत्वावधान में केशवराव भोसले का 105 वा स्मृति दिवस उज्जैन में मनाया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लघु कथाकार एवं समीक्षक संतोष सूपेकर थै। छात्रावास की कन्याओं को उनकी नाट्य परंपरा का परिचय देते हुए उन्होंने युवा पीढ़ी को भी इससे प्रेरणा लेकर सांस्कृतिक क्षेत्र में अपना योगदान देने की बात कही। वे बोले संगीत सूर्य केशराव भोसले मराठी संगीत नाटक काल के सुप्रतिष्ठित कलाकार थे। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में नाट्य जगत में प्रवेश किया और प्रारंभ में नारी पात्रों की भूमिका निभायी।
अनेक महत्वपूर्ण प्रयोग कर मराठी रंगभूमि में संगीत नाटक के सुवर्णकाल को पुनजीर्वित करने में योगदान दिया। ‘’ललित कलादर्श ‘’ नामक संस्था की स्थापना कर नाट्य परंपरा को संजोने का कार्य किया। ‘संगीत शारदा’, ‘संगीत सौभद्र’, ‘संगीत मृग्छाकटिक’, ‘संगीत मानापमान’ जैसे नाटकों में भूमिका निभायी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि मानसिंह ‘शरद’ ने भोसले के संगीत एवं नाट्य क्षेत्र के योगदान पर प्रकाश डाला। नाटक और संगीत को आपस में जोड़कर संगीत, नाटक की परंपरा को सुदृढ़ किया ।
मराठी एवं हिन्दी सिनेमा में उनका योगदान अवर्णनीय है जी के निगम ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘’संगीत सूर्य केशवराव भोसले के जीवन से आज की युवा पीढ़ी ने प्रेरणा लेकर नृत्य, संगीत, साहित्य, क्रीड़ा क्षेत्र में अग्रणी कार्य करना चाहिए।‘’ संस्था की प्रदेशाध्यक्ष डॉ. नेत्रा रावणकर ने भोसले का विस्तृत जीवन परिचय देकर नाट्य एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में किए गए कार्य का गुणगान में बताया कि ‘’उनके द्वारा नाट्य शास्त्र पर लेख लिखे तथा सामाजिक विषयों को संगीत, नाटक में सम्मिलित किया।‘’
छात्रावास की बालिकाओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। आभार संस्था की कार्याध्यक्ष रोशनी पाटिल ने माना। कार्यक्रम में प्रीति तेलंग, अनिता पंवार, नीशा देशमुख, हंसराज गायकवाड एवं अन्य मराठी समाज जन उपस्थित थे।