जबलपुर, देशबन्धु. नगर से कृषि उपज मंडी को बाहर शिफ्ट करने की कवायद जल्द पूरी नहीं होती दिख रही है. अब एक नया पेंच फंस गया है. औंरिया बाइ पास के निकट जमीन खोजने के बीच अब निजी भूमि स्वामियों से भी खरीद के प्रस्ताव पर मंथन शुरू हो गया है. इसके लिये प्रक्रिया को शुरू किया जायेगा. इस बीच प्रशासन ने राजस्व विभाग के अमले को सक्रिय कर दिया है.
पता चला है कि करीब 150 एकड़ जमीन ङ्क्षचहित की जा रही है. जिसमें अगले पचास साल को देखते हुये मंडी को बनाया जायेगा. यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि अभी मौजूदा कृ षि उपज मंडी की 52 एकड़ जमीन को लेकर पूरी तरह स्थिति स्पष्ट नही है. यह जमीन बेशकीमती है.
परीक्षा केंद्र के 100 मीटर के दायरे में परीक्षक, परिक्षार्थियों के अलावा अन्य का प्रवेश वर्जित
गौरतलब है कि कृषि उपज मंडी को लेकर शासन स्तर पर पूर्व में ही कोशिश शुरू हो गई थी. इसी के चलते पिछले दिनों औंरिया बाइ पास में 18 एकड़ जमीन पर मटर की खरीद करने मंडी बनाई गई. इसमें सब्जी का थोक कारोबार शुरू किया जायेगा. इसी को देखते हुये मंडी को नया रूप देने मंडी प्रशासन जुटा है. लेकिन बीच-बीच में कई तरह की व्यवहारिक कठिनाइयां सामने आ रही हैं. इससे पूरी तरह मंडी को शिफ्ट करने पर संकट के बादल मंडरााने लगते हैं.
नई मंडी में दुकान खरीदना आसान नहीं
सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित नई कृषि उपज मंडी में आज के समय में दुकानों की खरीदी आसान नही है. इसकी प्रक्रिया को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नही है. हालाकि पूर्व में मंडी में कारोबार करने वालों ने अपनी बात रखते हुये कहा है कि उन्हें दुकान के बदले दुकान दी जानी चाहिये, जिसे लेकर प्रशासन ने ठोस आश्वसन नहीं दिया है.
इसमें नियम कायदों की बात सामने आ रही है. इस बारे में न्यू थोक फल मंडी के अध्यक्ष अशरफ भाई के अनुसार फल, सब्जी का थोक कारोबार करने वाले लायसेंसी व्यवसाईयों को यहां से शिफ्ट करने के लिये सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिये. सालों से इस कारोबार में करने वालों को नई मंडी में दुकान देने इस तरह का रास्ता निकाला जाना चाहिये ताकि इस व्यापार से लगे सैकड़ो लोगों की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडराने की स्थिति न बने. अभी ज्यादातर व्यापारी उक्त विषय को लेकर चिंतित और असमंजस के शिकार हैं.