वेलिंगटन. न्यूजीलैंड के विभिन्न हिस्सों में आज भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 6.5 मापी गई. खबरों के अनुसार, भूकंप का केन्द्र न्यूज़ीलैंड के उत्तरी द्वीप में स्थित था, जिसने स्थानीय निवासियों में दहशत फैला दी.
दोपहर निचले दक्षिण द्वीप पर भूकंप आने के बाद सभी को इमरजेंसी मैसेज अलर्ट भेजा गया. भूकंप 2.43 बजे आया. आपातकालीन प्रबंधन और रिकवरी मंत्री मार्क मिशेल ने कहा कि अलर्ट दक्षिण द्वीप के निचले हिस्से के लिए जारी किया गया था. यूएसजीएस के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया प्लेट का पूर्वी किनारा ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत प्लेटों के बीच अभिसरण की ज्यादा दर होने के कारण दुनिया के सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि कोई भी अपने घर से बाहर न निकले. तटरेखा के पास भूकंप आने का फिर से खतरा है.
भूकंप पृथ्वी की सतह पर होने वाली प्राकृतिक घटनाएं हैं, जो मुख्य रूप से पृथ्वी की आंतरिक संरचना में होने वाले तनाव और गतिविधियों के कारण आते हैं. भारत में भूकंप का मुख्य कारण हिमालय क्षेत्र में टेक्टोनिक गतिविधियां हैं. भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव के कारण यहां तनाव होता है. यही वजह है कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं.
टेक्टोनिक प्लेटों के हिलने, टकराने, चढ़ाव, ढलाव से लगातार इन प्लेटों के बीच तनाव बनता रहता है. इससे ऊर्जा बनती है, ऐसे में अगर हल्के-फुल्के भूकंप आते रहते हैं, तो ये ऊर्जा रिलीज होती रहती है और इससे बड़े भूकंप के आने की आशंका बनी रहती है. अगर इन प्लेटों के बीच तनाव ज्यादा होता है तो ऊर्जा का दबाव भी ज्यादा हो जाता है और यह एक साथ तेजी से निकलने का प्रयास करता है, इसी वजह से कभी-कभी भयानक भूकंप आने की आशंका बनी रहती है.