बरेला, देशबन्धु। नगर का एक मात्र शासकीय अस्पताल वर्तमान में भगवान भरोसे चल रहा है यहां पर पदस्थ बॉन्डिंग डॉक्टर का पोस्ट ग्रेजुएट मैं चयन हो जाने के कारण तबादला हो गया। इसके कारण वर्तमान में शासकीय अस्पताल डॉक्टर विहीन हो गया है जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।
पहले गया मुख्यालय और अब डॉक्टर भी नसीब नहीं-नगर की स्वास्थ्य सेवाएं दिन पर दिन बदतर होती जा रही हैं यहां पर पहले बीएमओ का मुख्यालय था किंतु 4 साल पूर्व. यह मुख्यालय भी बरगी चला गयाऔर वर्तमान में डॉक्टर के चले जाने के कारण अब गरीब आदमी को इलाज के लिए. जिला चिकित्सालय की ओर रुख करना पड़ रहा है. रिक्त पड़े हैं अनेक पद सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर, पुरूष डॉक्टर, एक वार्ड बॉय,ड्रेसर,और टेकनीशियन के पद खाली पड़े हैं।
सी एच ओ और होम्योपैथिक डॉक्टर के भरोसे चल रही ओपीडी- वर्तमान में सरकारी अस्पताल में पदस्थ होम्योपैथिक चिकित्सक और उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सी एच ओ के भरोसे यहां की ओपीडी चल रही है।अपने परिजनों का इलाज कराने आए राजा सोनी का कहना है किशासकीय अस्पताल में वर्तमान में कोई भी स्थायी डॉक्टर नहीं है।
मजबूरी वश प्राइवेट चिकित्सक से ही इलाज कराने शहर की ओर जाना पड़ रहा है।एम एल सी के लिए भी होना पड़ रहा परेशान–लड़ाई झगड़े में पुलिस केस दर्ज करने पर घायलों की एम एल सी के लिए पुलिस विभाग भी डॉक्टर न होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर लगाने विवश है।तथा जिला चिकित्सालय विक्टोरिया भेजना पड़ रहा है।
उच्च अधिकारियों को नहीं है अस्पताल की चिंता-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत 80 गांव आते हैं. यहां की गरीब आबादी. इलाज के लिए केवल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही निर्भर है. स्थाईडॉक्टर को गए हुए लगभग एक साल से ज्यादा होने जा रहे हैं. किंतु इसके बावजूद भी बीएमओ और सीएमएचओ द्वारा इस अस्पताल में अभी तक कोई भी स्थायी डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की गई है. उच्च अधिकारियों को भी जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है. यही कारण है कि आज तक यहां पर डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की गई है. फिलहाल विकास का दावा करने वाले जनप्रतिनिधियों को जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।