जबलपुर, देशबन्धु. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों में पढ़ाई का तरीका इस सत्र से बदल दिया है। राजधानी भोपाल सहित देशभर के सभी सीबीएसई स्कूलों में अब केजी से क्लास 2 तक की पढ़ाई केवल मातृभाषा में कराई जाएगी। बोर्ड ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया है। नए नियम इसी सत्र से लागू होंगे। शहर के सीबीएसई स्कूलों में बच्चे अब पहले अ से लेकर ई और क से ज्ञ तक पढ़ेंगे।
कक्षा केजी से दूसरी तक पढ़ाई केवल मातृभाषा में होगी। यह बदलाव अगले 18 दिन में शुरू होगा । शहर में लगभग डेढ़ सौ सीबीएसई स्कूल हैं। इनमें करीब दो लाख बच्चे पढ़ते हैं । अंग्रेजी स्कूलों में मातृभाषा से दूर रहने की समस्या खत्म होगी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार किया गया है। स्कूलों से इस बदलाव की रिपोर्ट भी मांगी में अप्रसन्नता गई है।
अभिभावकों सीबीएसई स्कूलों में नियम बदलने से इन दिनों अभिभावक थोड़ा सा असहज महसूस कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना हैं कि सीबीएसई के महंगे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाकर वे शुरु से ही उनकी अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड़ बनाने का प्रयास करते हैं ताकि वे प्रतिस्पर्धा के दौर में आगे बढ़ सकें लेकिन सीबीएसई के इस नए नियम ने उन्हें थोडा निराश कर दिया हैं।
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मातृभाषा में पढ़ाई अनिवार्य हैं
सीबीएसई ने केजी से कक्षा 2 तक के छात्रों के लिए मातृभाषा में पढ़ाई अनिवार्य कर दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को उनकी मातृभाषा प्रदान करना है। इस नीति के तहत, बच्चों को अंग्रेजी या अन्य भाषाओं के बजाय उनकी मातृभाषा में पढ़ाई जाएगी, जिससे उनकी समझ और मानसिक विकास में सुधार होगा।
स्कूलों को रिपोर्ट प्रस्तुत “करने के निर्देश
सीबीएसई ने स्कूलों से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नीति को सही तरीके से लागू किया जा रहा है। अगले 18 दिनों में इस नीति को लागू किया जाएगा और स्कूलों को तैयारी पूरी करने के लिए कहा गया है।