चेन्नई. भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. एमआर श्रीनिवासन का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और देश को परमाणु शक्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई.
डॉ. श्रीनिवासन ने भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई अहम पहल कीं. उनका योगदान भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हमेशा याद किया जाएगा. उनके निधन से वैज्ञानिक समुदाय और देश को गहरा दुख हुआ है.
उन्हें भारतीय परमाणु कार्यक्रम की नींव रखने वाले प्रमुख शख्सियतों में गिना जाता है. उनके कार्यों ने भारत को वैश्विक परमाणु शक्ति बनाने की दिशा में एक ठोस कदम आगे बढ़ाया. उनका जीवन देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में प्रेरणा स्रोत रहेगा.
परमाणु विज्ञान, ऊर्जा उत्पादन, और अंतरराष्ट्रीय परमाणु नीतियों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया था. डॉ. श्रीनिवासन की अपार उपलब्धियों और योगदानों की गूंज हमेशा भारतीय विज्ञान के इतिहास में सुनाई देती रहेगी.