सतना, देशबन्धु। नागौद रोड़ साईं मैरिज गार्डन में इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा की धूम मची हुई है। व्यासगादी में विराजमान श्री मज्जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज ने पंचम दिवस की कथा श्रवण कराई, जिसमे श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। महाराज श्री ने कथा में प्रवेश करते हुए कहा धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है।
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कथा के क्रम में स्वामी जी ने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। पृथ्वी ने गाय का रूप धारण करके श्रीकृष्ण को पुकारा तब श्रीकृष्ण पृथ्वी पर आये हैं। इसलिए वह मिट्टी में नहाते, खेलते और खाते हैं ताकि पृथ्वी का उद्धार कर सकें। गोपबालकों ने जाकर यशोदामाता से शिकायत कर Óमां तेरे लाला ने माटी खाई है यशोदामाता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं। ‘अच्छा खोल मुख।Ó माता के ऐसा कहने पर श्रीकृष्ण ने अपना मुख खोल दिया। श्रीकृष्ण के मुख खोलते ही यशोदाजी ने देखा कि मुख में चर-अचर सम्पूणग् जगत विद्यमान है।
आकाश, दिशाएं, पहाड़, द्वीप, समुद्रों के सहित सारी पृथ्वी, बहने वाली वायु, वैद्युत, अग्नि चन्द्रमा और तारों के साथ सम्पूर्णज्योतिर्मण्डल जल तेज अर्थात प्रकृति महतत्त्व अहंकार देवगण इन्द्रियां मन बुद्धि त्रिगुण जीव, काल कर्म प्रारब्ध आदि तत्तव भी मूर्त दीखने लगे। ज्ञात हो कि कथा में मुख्य यजमान उर्मिला सिंह, डॉ. अमर सिंह हैं। बुधवार को आयोजित कथा में मुख्यरूप से रमेश सिंह सीधी, राजेश तिवारी, भूपेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, अशोक सिंह, अतुल दुबे, श्रीनिवासन शुक्ला मुख्य रूप से उपस्थित रहे। जब से कथा शुरू हुई है आयोजन स्थल पर काफी संख्या में श्रद्धालु कथा का श्रवण करने पहुंच रहे हैं।