रामनगर. व्हीआईपी ईश्वर दर्शन के नाम पर चलने वाला नैतिक मानदंडों पर अनैतिक व्यापार ,वैदिक सत्य सनातन धर्म की आस्था से खिलवाड़ का काम खुले आम ,सरकारी आय बढ़ाने के चक्कर मे धर्म स्थलों की गरिमा बचाने की जरूरत,देश,प्रदेश के प्रमुख देवी/देव मंदिरों में व्हीआईपी ईश्वर दर्शन के नाम पर ,लिया जाने वाला सुविधा शुल्क पूरी तरह से बन्द होना चाहिए,बल्कि , बीमारों,बुजुर्गों, असहायों,महिलाओं को वरीयता देकर,व्यवस्था सुधारी जा सकती है.
विभिन्न पर्वो,त्योहारों पर जब देश के प्रमुख तीर्थ क्षेत्रो,शक्ति पीठों में जब आम जनता बहुतायत में दर्शन लाभ के लिए पहुचती है,ऐसे में महत्वपूर्ण व अतिमहत्वपूर्ण लोगो का आवागमन व्यवस्था के नाम पर अतिशय अव्यवस्था में तब्दील हो जाता है .
देश के कई मंदिरों में यह व्यवस्था जोर शोर से चल रही जिंसमे अब मैहर स्थित देवी मंदिर में भी शशुल्क व्यवस्था चालू होने की खबर से आम जन आहत है,मंदिरों की आय बढ़ाने के उद्देश्यों के चलते झारखंड स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम पर दिल्ली मेट्रो की तरह टोकन , व्यवस्था के तहत ,दर्शन लाभ प्राप्त होते है .
उसमें भी, श्रद्धालुओं को दर्शन के नाम पर निजी बल,पुलिस बल या तथाकथित पंडे पुजारियों द्वारा,भीड़ नियंत्रण फार्मूले को धता बताते हुए बल प्रयोग दिया जाता है,वही व्ही व्हीआईपी झुककर अगले, पिछले दरवाजे खोलकर मनमाफिक दर्शन करवा दिए जाते है.
और तो और देव स्थानों में प्रसाद,नारियल , पूजा,सामग्री,या अन्य वस्तुयों के दामों में भारी उछाल देखा जाता है और तो और खाने पीने की वस्तुओं के निर्माण,वितरण में मानकों की अनदेखी आम है, उक्त सम्बन्ध में सनातन संस्क्रति सेवा एवम उत्थान समिति देवरी कलां की अध्यक्ष श्री मती प्रज्ञा तिवारी ने कहा है कि स्थानीय प्रशाशन जंहा आम जनता की व्यवस्था के नाम पर खास लोगो के सुविधा प्रबंधन में विशेष दक्ष देखा जाता है.
आयकर विभाग ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक बढ़ाई
जबकि यह बात अलग है कि ईश्वर की नजरों में सब बराबर है, और ईश्वर दर्शन में शुल्क लेना ,धर्म के नाम पर व्यापार करना कतई उचित नही है साथ मे ग्रामीण व नगरीय जनता ने भी देश प्रदेश की सत्य सनातनी सरकार बनाम शाशन प्रशासन से संज्ञान लेकर आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की