शहड़ोल, देशबन्धु। धान परिवहन के मामले में ठेकेदार की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। संबंधित अधिकारियों की उदासीनता और ठेकेदार की लापरवाही के चलते किसानों का हजारों क्विंटल धान सड़ गई। आलम यह है कि धान सड़ने के बाद फिर अंकुरित भी हो गई है। हजारों क्विंटल धान बोरे में रखे-रखे सड़ जाने से शासन को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। खबर सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। संबंधित अधिकारी कह रहे हैं कि लापरवाह ठेकेदार से पूरी राशि वसूल की जाएगी।
जानकारी के अनुसार शहड़ोल जिले में इस वर्ष लगभग 14 लाख क्विंटल, धान की खरीदी हुई है। जिले में ओपन कैब में भी हजारों क्विंटल धान को रखा गया था। इसमें जनपद पंचायत बुढ़ार अंतर्गत चन्नौड़ी, हथगला व अमलाई सहित कई अन्य ओपन कैब भी शामिल हैं।
कैब में रखे हजारों क्विंटल धान के भंडारण व रखरखाव की जिम्मेदारी स्टेट वेयर कॉरपोरेशन द्वारा गेंग्रीन कंपनी के ठेकेदार को दी गई है। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता और ठेकेदार की लापरवाही के चलते चन्नौड़ी, हथगला व अमलाई सहित अन्य ओपन कैब में रखी हजारों क्विंटल धान बोरे में रखे-रखे सड़ गई। इतना ही नहीं सड़ांध के बाद धान एक बार फिर अंकुरित भी हो उठी है। ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है कि कई गोदामों में रखे गए धान का बड़ा हिस्सा गोदामों में ही सड़ गया है। कुछ स्थानों पर तो बोरों के ऊपर फफूंद भी स्पष्ट दिख रही है। सड़े धान की दुर्गंध इतनी तेज उठ रही है कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल है। सड़ जाने के बाद ये धान जानवरों के खाने लायक भी नहीं रह गई हैं। ऐसे में अब यह सवाल उठना लाजमी है कि ऐसे खराब अनाज को कौन लेगा। शाखा प्रबंधक बुढ़ार सुधा रघु का कहना है कि हजारों क्विंटल धान खराब हुई है। इस संबंध में गेंग्रीन कंपनी के ठेकेदार को पत्र जारी कर धान भरवाने और उसका भुगतान करने के लिए कहा गया है।
क्लेम कर भगतान लेंगे
वही इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक एस पी गुप्ता से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मुझे एक लेयर धान खराब होने की जानकारी प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त धान को स्टेट वेयर कारपोरेशन द्वारा गोदाम में रखाया गया है जिसके भंडारण व रखरखाव का ठेका एक ठेकेदार को दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मैं कल ही मौके पर जाकर वस्तु स्थिति को देखूंगा। महाप्रबंधक श्री गुप्ता ने यह भी बताया कि खराब धान का क्लेम करके संबंधित ठेकेदार से वसूली की जाएगी।