देहरादून. आतंकवादी गतिविधियों के बीच केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए हमले के बाद, केंद्र ने सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक लगाने का आदेश दिया है.
कुल 21 लाख से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है. यात्रा में भाग लेने के लिए विदेशों से भी 24,729 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. खास बात यह है कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए पाकिस्तान से भी 77 श्रद्धालुओं ने अपना नाम दर्ज कराया था.
इस फैसले के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा को प्राथमिकता देना और संभावित खतरों को नकारना है. सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब देश आतंकवाद तथा सुरक्षा के मामलों को लेकर बेहद सतर्क है.
दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार सख्त है. इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित फैसला लेते हुए पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया. सुरक्षा कारणों से एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया गया है. इस वर्ष 100 से अधिक देशों के लोगों ने यात्रा में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है.
पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी को लेकर प्रशासन ने आवश्यक कदम उठा उन्हें सुरक्षित तरीके से देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, अन्य विदेशी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है.
बता दें कि 30 अप्रैल से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है. यात्रा को लेकर प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. हर साल की तरह इस बार भी बाबा केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू होंगी, जब धाम के कपाट खुलेंगे.