टीकमगढ़, देशबन्धु. जिले की ग्राम पंचायत दिगौड़ा के आवेदक अशोक केवट, गनपत राय, शैलेन्द्र सोनी, बद्री अहिरवार, पवन राय, काली राय, जीतू घोष, कौशलेंद्र सिंह, प्रमोद राय सहित अन्य लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायत भवन बंद होने व ग्राम सभा की कार्यवाही को लेकर पंचायत सचिव को निलंबित किए जाने की मांग की गई है.
लोगों द्वारा कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के अनुसार मध्यप्रदेश शासन एवं जतारा एसडीएम के आदेश दिनांक 30 सितंबर 2025 के अनुसार ग्राम पंचायत कार्यालय दिगौड़ा में 2 अक्टूबर को ग्राम सभा का आयोजन किया जाना था. इस ग्राम सभा में आवेदक एवं ग्राम सभा के सदस्य 2 अक्टूबर की सुवह ठीक 11 बजे पंचायत भवन पहुंचे, तो पंचायत भवन पर ताला लगा हुआ था. लोग इंतजार करते रहे तब भी कोई नही आया, तो लोगों ने पंचायत भवन की फोटो ग्रुप पर डाली तो 12 वजे के लगभग सरपंच व सचिव आये और पंचायत भवन खोला गया. तब लोगो ने अंदर जाकर सरपंच को सलंग्न आवेदन देकर आवेदन के विषय को ग्राम सभा की कार्यवाही के एजेंडे में रखने का अनुरोध किया तो ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच भड़क उठे और कहने लगे कि तुम्हारे किसी भी मामले को ग्राम सभा की कार्यवाही में नही रखा जायेगा और तुम लोग सरपंच एवं चौबे जी वकील साहव के विरोधी हो, इसलिए तुम सब ग्राम सभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते हो.
इसके बाद सभी 50-60 लोगो को पंचायत भवन से वाहर कर दिया. इसके बाद लोगों ने संलग्न आवेदन की पावती मांगी तो सचिव ने पावती देने से इंकार किया गया. बाहर निकल कर सचिव द्वारा लोगों को धमकाया गया, जान से मारने की धमकी दी गई एवं गाली गलोज किया गया और सचिव ने कहा कि यहां कोई ग्राम सभा नही होगी और दोपहर 12:20 के लगभग पंचायत भवन मे ताला डालकर सरपंच सचिव चले गए और पूरे दिन पंचायत भवन मे ताला डला रहा. ग्राम सभा की कार्यवाही के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी झनकलाल राजे शिक्षक भी उपस्थित नही हुए, क्योकि उन्हे पंचायत सचिव द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई थी एवं ग्राम सभा के आयोजन की एक दिन पहले ग्राम में मुनादी एवं सूचना भी नहीं दी गई थी.
इसके बाद में लोगो को शाम को लगभग 5 बजे जानकारी मिली कि सरपंच और सचिव ने कस्बा के रघुवीर सहाय चौवे के घर पर जाकर फर्जी ढंग से ग्राम सभा की कार्यवाही लिखकर अपने पक्ष के लोगो के हस्ताक्षर कराकर फर्जी ढंग से ग्राम सभा का आयोजन दर्शाया गया है, जो फर्जी होने के आधार पर निरस्त किये जाने योग्य है.
आवेदकों ने मांग की है कि ग्राम सभा के पुनः आयोजन हेतु तारीख निश्चित कर, संलग्न विषय को एजेंडे में शामिल कर सरपंच सचिव को आदेशित किया जाए एवं 2 अक्टूबर की फर्जी ग्राम सभा का आयोजन दिखाने एवं फर्जी ढंग से ग्राम सभा की कार्यवाही लिखने और 50-60 सदस्यो को ग्राम सभा में सम्मिलित होने के अधिकार से वंचित करने, धमकाने एवं ग्राम सभा का आयोजन नही करने एवं शासन को गुमराह करने के आरोप में पंचायत सचिव सोवरन सिंह घोष के विरुद्ध एफआईआर एवं निलंबन की कार्यवाही की जाए.