पाटन, देशबन्धु. नगर में बिना नम्बर वाले वाहनों की धमाचौकड़ी एवं रेत गिट्टी, मुरम, मिट्टी सहित अन्य खनिज मटेरियल का परिवहन करने वाले ऐसे वाहनों में जानबूझ कर वाहन स्वामी नम्बर नहीं डलवाते है जिससे दस्तावेज ऑनलाइन कोई चैक न कर सके. इस प्रकार की समस्याओं को देखतेे हुए पुलिस कप्तान ने चैकिंग अभियान के तहत कार्यवाही के निर्देश जिम्मेदारों को दिए थे. लेकिन देहात थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पाटन थाने क्षेत्र में चैकिंग प्वाइंट नहीं लगाये गए है.
वही लापरवाह वाहन चालकों के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत् कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है. इसकी प्रमुख वजह वर्षों से पाटन थाने में जमे आरक्षक है. इन आरक्षकों के द्वारा गाड़ाघाट टोल प्लाजा और थाने के सामने, सिविल कोर्ट चौराहे के आसपास ऐसे वाहनों को रोककर चैकिंग के नाम पर रोजाना अवैध उगाही की जाती है.
सूत्र: बताते हैं कि चाहे वह भूसे वाली गाड़ी हो या फिर लेबर ढोने वाले कमर्शियल वाहन हो या महुआ का परिवहन करने वाले वाहन के साथ ही अवैध खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों से थाने की चीता पुलिस टीम द्वारा चैंकिंग के नाम पर 1500 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक की अवैध वसूली रोजाना की जाती है.
महुआ परिवहन करने वाले ट्रकों से अवैध वसूली- प्राप्त जानकारी के मुताबिक अवैध वसूली करने वाली चीता टीम के मुखिया प्रदीप शर्मा एवं इसके साथियों ने दिनांक 19 अप्रैल को रात लगभग 11 बजे महुआ लोड करके दमोह से जबलपुर जा रहे वाहन एमपी 20 जेडएस 8689 को थाने के सामने रोका और गाड़ी के पेपर चैक करने के बाद ड्राइवर से 2 दो हजार रुपए की मांग करने लगे जब ड्राइवर ने पैसा देने से इनकार किया तो उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और वाहन को कृषि उपज मंडी के सुपुर्द कर दिया.
मंडी की कार्यवाही में उक्त वाहन पर लगभग 10 हजार के ऊपर का जुर्माना बना तो ड्राइवर पुलिस वालों को दो हजार रुपए देने तैयार हो गया, तब पुलिस वाले मंडी के कर्मचारियों पर दबाव बनाने लगे की वाहन को छोड़ो, लेकिन कृषि उपज मंडी के अधिकारियों वाहन पर नियमानुसार कार्यवाही कर जुर्माना ठोक दिया.
इनका कहना
जब इस मामले में पुलिस एसडीओपी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुलिस को अधिकार है वाहन चैक करने का और लीगल कार्यवाही करने का. आगे उन्होंने बताया कि यदि चीता टीम के द्वारा महुआ वाली गाड़ियों को टारगेट करके उनसे अवैध वसूली की जा रही है तो में इस मामले की जांच करवाता हूं.
लोकेश डाबर, पुलिस एसडीओपी, पाटन