प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के बाद जय
अनुसंधान का नारा दिया है। लेकिन देश अपने आविष्कारों से तभी लाभान्वित हो सकता है जब देश
के शोधकर्ता और आविष्कारक पेटेंट कराने के उचित तरीके से अवगत हों। यही वजह है कि आजादी
के अमृत महोत्सव के तहत 8 दिसंबर, 2021 को शुरू राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरुकता मिशन
(निपम) के तहत 15 अगस्त 2022 तक 10 लाख से अधिक छात्रों को पेटेंट संबंधित जागरुकता व
प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा। जिसे 15 दिन पहले 31 जुलाई को पाना भारत के बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में
विश्वगुरु के रूप में दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में मजबूती से बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा
सकता है। बौद्धिक संपदा कार्यालय, पेटेंट, डिजाइन और ट्रेड मार्क महानियंत्रक कार्यालय एवं वाणिज्य
और उद्योग मंत्रालय इस कार्यक्रम को लागू कर रहा है। इसमें 28 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों
के 3662 शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। देश को आत्मनिर्भर बनाए रखने के लिए आविष्कार करने के
साथ-साथ इनका पेटेंट भी आवश्यक है।