दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद के 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया गया। हालांकि, इसकी नींव 1 जनवरी 1942 को रखी गई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ को अस्तित्व में लाने का उद्देश्य युद्ध जैसी भयावह त्रासदी को रोकना और विश्व में शांति स्थापित करना था।
दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद के 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया गया। हालांकि, इसकी नींव 1 जनवरी 1942 को रखी गई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ को अस्तित्व में लाने का उद्देश्य युद्ध जैसी भयावह त्रासदी को रोकना और विश्व में शांति स्थापित करना था।
1 जनवरी 1942 को 26 देशों ने संयुक्त राष्ट्र की घोषणा पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद 26 जून 1945 को सैन फ्रांसिस्को में इसका मसौदा तैयार किया गया। 50 देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए मसौदा तैयार किया और हस्ताक्षर किए।
इसके बाद 24 अक्टूबर 1945 को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई। भारत भी संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है। भारत ने 26 जून को संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किया था।
वर्तमान समय की मांग है कि संयुक्त राष्ट्र में बदलाव किए जाएं। भारत समेत तमाम देश मांग कर रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र में बदलाव किए जाएं। जिस तरह से युद्ध की तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसे लेकर चिंता जाहिर की जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए भारत भी लगातार कोशिशें कर रहा है। भारत को संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता दिलाने के समर्थन में दुनिया के कई अन्य देश सामने आए हैं।
रूस, भूटान, मॉरीशस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और खुद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता दिलाने का समर्थन किया है। बता दें कि 15 सदस्यों में से पांच सदस्य स्थायी हैं। बाकी 10 अन्य सदस्य अस्थायी हैं।
यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन हैं। चीन को भारत के स्थायी सदस्य बनने से काफी परेशानी है। चीन नहीं चाहता है कि भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य बने। यूएनएससी में शामिल 10 अस्थायी सदस्यों का चुनाव हर 2 साल के लिए किया जाता है। भारत अब तक 8 बार अस्थायी सदस्य चुना जा चुका है।
--आईएएनएस
केके/डीकेपी
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