Office Address

Address Display Here

Phone Number

+91-9876543210

Email Address

info@deshbandhu.co.in

इस्तांबुल में कल होगी अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच अगले दौर की वार्ता

काबुल/ नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अगले दौर की वार्ता गुरुवार को इस्तांबुल में होगी। दोहा के बाद इस्तांबुल में हुई दूसरे दौर की वार्ता सफल नहीं रही थीं। इसे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के अंतिम प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

काबुल/ नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अगले दौर की वार्ता गुरुवार को इस्तांबुल में होगी। दोहा के बाद इस्तांबुल में हुई दूसरे दौर की वार्ता सफल नहीं रही थीं। इसे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के अंतिम प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

अफगानी मीडिया ने बुधवार को बताया कि खुफिया मामलों के प्रमुख अब्दुल हक वसीक के नेतृत्व में अफगानिस्तान का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पाकिस्तान के साथ होने वाली वार्ता के नए दौर के लिए तुर्की जाएगा।

अफगानिस्तान की प्रमुख समाचार एजेंसी खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वसीक का प्रतिनिधिमंडल सीमा तनाव पर चर्चा के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत करेगा। गुरुवार को इस्तांबुल में होने वाली शांति वार्ता के तीसरे दौर की मध्यस्थता तुर्की और कतर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कर रहे हैं।

इससे पहले, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच दोहा और इस्तांबुल में वार्ता हुई थी। हालांकि, सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को लेकर दोनों प्रतिनिधिमंडलों के बीच मतभेद इस कदर हावी रहा कि वार्ता का दूसरा दौर बिना किसी प्रगति के समाप्त हो गया।

पाकिस्तान ने बार-बार तालिबान शासन पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) समूह का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा और अफगानिस्तान से लिखित गारंटी मांगता रहा कि वह ऐसे समूहों को अफगान धरती पर सक्रिय होने से रोकेगा।

विश्लेषकों का कहना है कि इस्तांबुल में होने वाली बातचीत यह तय कर सकती है कि क्या दोनों देश आपसी विश्वास का पुनर्निर्माण कर सकते हैं और सीमा सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी सहयोग को प्रभावी ढंग से निपटा सकते हैं।

पिछले हफ्ते, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि पाकिस्तान की नागरिक सरकार आपसी हितों के आधार पर अफगानिस्तान के साथ रिश्ते कायम करना चाहती है; हालांकि, सेना इसकी इजाजत नहीं देती।

अफगानिस्तान स्थित 'टोलो न्यूज' ने खैबर टीवी के हवाले से बताया कि मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान की सेना के भीतर के कुछ तत्व दोनों देशों के संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डूरंड रेखा पर पाकिस्तान द्वारा क्रॉसिंग बंद करने के कारण दोनों देशों के व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। मुजाहिद के मुताबिक जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे तो दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत थे।

जबीहुल्लाह ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान की धरती पर हो रही आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी तालिबान के साथ साझा करने का आग्रह किया ताकि कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी पक्ष चाहता है कि हम पाकिस्तान के अंदर होने वाली घटनाओं को भी रोकें, लेकिन यह हमारे नियंत्रण से बाहर है। इस्लामिक अमीरात पाकिस्तान में असुरक्षा नहीं चाहता और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती से कोई खतरा पैदा न हो।"

दूसरी ओर पाकिस्तानी मीडिया हाउस 'हम' ने बुधवार को सामने आई जानकारी के आधार पर दावा किया कि, पाकिस्तान अपने एजेंडे पर कायम रहेगा। पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक के अगले दौर की वार्ता में शामिल होने की उम्मीद है।

--आईएएनएस

केआर/

Share:

Leave A Reviews

Related News