
जबलपुर, देशबन्धु. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में एक लाख से अधिक हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन का आयोजन स्थानीय स्तर पर बस्तियों व मोहल्ले में किया जाएगा। इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य पंच परिवर्तन, हिन्दुत्व का विस्तार, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता तथा सामाजिक मुद्दे पर चर्चा है। उक्त जानकारी आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि आरएसएस का शताब्दी समारोह 2 अक्टूबर विजयादशमी को अवसर पर नागपुर से प्रारंभ हुआ है। जबलपुर में कल 30 अक्टूबर से तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की वार्षिक बैठक का आयोजित की गई है, जिसमें आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत सहित 406 पदाधिकारी शिरकत करेंगे।
शताब्दी वर्ष के अवसर पर आरएसएस के कार्यकर्ता गृह संपर्क अभियान चलाएंगे, जो 25 से 40 दिन का होगा। आयोजन नवम्बर से जनवरी के बीच होगा। गृह संपर्क के दौरान लोगों को पंच परिवर्तन, नागरिक कर्तव्य बोध, पारिवारिक जीवन, सामाजिक मुददों के संबंध में जानकारी देते हुए चर्चा की जाएगी।
सकारात्मक रूप से कार्य करने वाले तथा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संघ की विचारधारा से जुड़े शैक्षणिक व व्यापारिक संस्था, सामाजिक संस्था तथा व्यक्ति को इससे जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इससे उनका उत्साह बढ़ेगा और वे देश हित में कार्य करें।
बड़ी संख्या में युवा संघ की विचारधारा से जुड़ रहे है। हमारा मानना है कि अनुशासन ने युवाओं को सही मार्ग मिलता है। इसके अलावा सरसंघचालक कोलकाता, मुंबई तथा बेंगलुरु में बौद्धिक सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की वार्षिक बैठक में देश की वर्तमान परिस्थिति में चर्चा की जाएगी और दिशा-दर्शन के साथ आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। काशी-मथुरा के संबंध में उन्होंने कहा है कि बैठक में सभी सामाजिक मुद्दों व वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा की जाएगी।
सिख गुरु तेग बहादुर जी का 350वां बलिदान दिवस तथा भगवान जनजाति समाज से आने वाले भगवान बिरसा मुंडा की जयंती नवम्बर माह में बलिदान दिवस है। दोनों ने देश के लिए बलिदान दिया और विदेश आक्रमण के खिलाफ खड़े हुए। बैठक में उनके संबंध में वक्तव्य दिया जाएगा और देश भर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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